नई दिल्ली (मानवीय सोच) नेशनल कॉन्फ्रेंस ने परिसीमन आयोग से जम्मू-कश्मीर में सीटों का बंटवारा सामान आबादी के अनुरूप करने की मांग की है। साथ ही उसने अमीराकदल और बटमालू विधानसभा क्षेत्रों को फिर से बहाल करने का सुझाव दिया। वहीं भाजपा ने मांग की कि खौड़ के जिन क्षेत्रों को अखनूर के साथ मिलाया गया है, उन्हें हटाकर अलग से खौड़ सीट बनाई जाए। इसके अलावा पार्टी ने सांबा और रामगढ़ विधानसभा सीट को लेकर लोगों की रायशुमारी को सम्मान दिए जाने का भी आग्रह किया है। पार्टी ने जम्मू उत्तर विधानसभा क्षेत्र का नाम जम्मू तवी रखे जाने का भी सुझाव दिया है।
संशोधित अंतरिम रिपोर्ट पर नामित सदस्यों के सुझावों के बाद परिसीमन आयोग इन्हें आठ से दस दिन के अंदर सार्वजनिक करेगा। आयोग ने संशोधित अंतरिम रिपोर्ट पर नामित सदस्यों से चार मार्च तक सुझाव मांगे थे। इस पर नामित सदस्यों में नेशनल कॉफ्रेंस के जस्टिस (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी ने 18 पेज का सुझाव आयोग को दिया और भाजपा के दोनों सांसदों जुगल किशोर शर्मा और जितेंद्र सिंह ने भी अपना पक्ष आयोग को दे दिया है।
नेकां ने गांधीनगर, अमीराकदल व बटमालू को पुराने रूप में रखने की मांग की
नामित सदस्यों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के डॉ. फारूक अब्दुल्ला, मोहम्मद अकबर लोन, जस्टिस (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी ने परिसीमन को ही सिरे से नकार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि परिसीमन की प्रक्रिया भाजपा कार्यालय से निर्देशित हो रही है। उन्होंने महात्मा गांधी की याद में गांधीनगर विधानसभा सीट को भी यथावत बनाए रखने की मांग की।
पार्टी ने अमीराकदल और बटमालू विधानसभा क्षेत्र की यथास्थिति को बहाल रखने पर जोर है और आरक्षित सीटों के पुनर्गठन को लेकर भी सुझाव दिए हैं। पार्टी प्रवक्ता इमरान नबी डार ने बताया कि पार्टी ने आबादी को आधार बनाकर 90 हजार मतदाताओं पर एक विधानसभा बनाने की मांग की है।
इससे कहीं एक तो कहीं दो लाख तो कहीं डेढ़ लाख आबादी पर विधानसभा क्षेत्र हैं, कहीं 50 हजार पर है। पार्टी ने साफ तौर पर कहा है कि विधानसभा या लोकसभा क्षेत्र में शामिल इलाकों का आपस में सीधा संपर्क होना चाहिए।
अखनूर विधानसभा सीट में मेरा मदरिया को शामिल करने की भाजपा की मांग
भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा ने कहा कि अलग-अलग क्षेत्रों में आम लोगों की जरूरतों और उनकी अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने अपना पक्ष आयोग को दे दिया है। इसमें अखनूर विधानसभा क्षेत्र में मेरा मदरिया को शामिल करने और राजपुरा को रामगढ़ के बजाय सांबा विधानसभा क्षेत्र में रखने की बात को प्रमुखता से उठाया गया है।
आयोग ने विधानसभा की सीटें 90 करने का दिया है प्रस्ताव
परिसीमन आयोग ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मौजूदा 83 सीटों को बढ़ाकर 90 करने का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा 24 सीटों को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लिए सुरक्षित रखा गया है। इस तरह से केंद्रशासित प्रदेश में बढ़ाई गई 7 सीटों में 6 सीटें जम्मू और एक कश्मीर में होगी।
इसका नेशनल कॉफ्रेंस विरोध कर रही है क्योंकि इससे जम्मू में 43 सीटें और कश्मीर में 47 सीटें हो जाएंगी। आयोग ने 6 फरवरी को सौंपी गई अंतरिम रिपोर्ट पर नामित सदस्यों से अपना पक्ष 14 फरवरी को लिखित रूप से सौंपा था। इसके आधार पर आयोग ने अपनी संशोधित अंतरिम रिपोर्ट पर 25 फरवरी को सहयोगी सदस्यों को दोबारा सौंपकर उनसे 4 मार्च तक इस पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा था।