बजट सत्र का आज समापन, 129 फीसदी हुआ कामकाज

नई दिल्ली  (मानवीय सोच) संसद  का सत्र 31 जनवरी 2022 को शुरू हुआ था. इस दौरान कुल 27 बैठकें हुईं, जो लगभग 177 घंटे 50 मिनट तक चलीं. 31 जनवरी को सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति ने संसद की दोनों सभाओं को सेंट्रल हॉल (Central Hall) में हुई संयुक्त बैठक में संबोधित किया.

ध्वनि मत से धन्यवाद प्रस्ताव पारित

राष्ट्रपति के अभिभाषण  पर धन्यवाद प्रस्ताव पर 2, 3,4 और 7 फरवरी को चर्चा हुई. कुल 15 घंटे 13 मिनट की चर्चा के बाद 7 फरवरी को ध्वनि मत से धन्यवाद प्रस्ताव पारित हुआ. 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वर्ष 2022-2023 के लिए केंद्रीय बजट (Union Budget) पेश किया गया. वर्ष 2022-23 के लिए बजट पर सामान्य चर्चा 7, 8, 9 और 10 फरवरी को हुई. यह चर्चा कुल 15 घंटे 35 मिनट तक चली.

रेल मंत्रालय पर 13 घंटे चली चर्चा

रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) के अनुदानों की मांगों पर चर्चा 12 घंटे 59 मिनट तक चली. इसी प्रकार सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा 11 घंटे 28 मिनट तक चली. नागरिक विमानन मंत्रालय के अधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा 7 घंटे 53 मिनट तक चली. वर्ष 2022-23 के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा 6 घंटे 10 मिनट तक चली.
पोर्ट्स, शिपिंग एवं वाटरवेज मंत्रालय के अधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा 4 घंटे 41 मिनट तक चली.

24 मार्च को अन्य मांग पारित

वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए शेष मंत्रालयों की अन्य सभी अनुदानों की मांगों को 24 मार्च को एक साथ सभा में मतदान के लिए लिया गया और सभी को एक साथ पारित किया गया. अनुदानों की अनुपूरक मांगों (2021-22 ) और अनुदानों की अतिरिक्त मांगों (2018-19) को भी इस सत्र में मतदान के बाद पारित किया गया. इसके अतिरिक्त जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के लिए अनुदान मांगों (2022-23) और अनुदानों की अनुपूरक मांगों (2021-22) को भी मतदान के बाद पारित किया गया.

13 विधेयक पारित

सत्र के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण वित्तीय, विधायी और अन्य कार्यों का निष्पादन किया गया. सत्र के दौरान 12 सरकारी विधेयक पुर्नस्थापित किए गए तथा 13 विधेयक पारित किए गए. इस दौरान वित्त विधेयक 2022, दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक 2022, दंड प्रकिया (शिनाख्त) विधेयक 2022 और सामूहिक संहार के आयुध और उनकी परिदान प्रणाली (विधि विरूद्ध क्रियाकलापों का प्रतिषेध) संशोधन विधेयक 2022 को पारित किया गया.

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