नई दिल्ली (मानवीय सोच): बजाज मोटर्स के संस्थापक राहुल बजाज का 83 वर्ष की आयु में आज निधन हो गया। बजाज 50 साल तक अपनी खड़ी की हुई कंपनी के चेयरमैन भी रहे। बजाज लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे। सरकार ने उन्हें 2001 में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। बता दें कि राहुल बजाज भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक कार्यकर्ता जमनालाल बजाज के पोते थे।
सन 1965 राहुल बजाज ने बजाज समूह की कमान संभाली थी। उस समय भारत एक बंद अर्थव्यवस्था थी। उन्होंने कंपनी का नेतृत्व करते हुए बजाज चेतक नाम का स्कूटर बनाया, जिसको काफी नाम मिला और इसे भारत के मध्यम वर्गीय परिवार की आकांक्षा का सूचक माना गया। नब्बे के दशक में जब भारत में उदारीकरण की शुरुआत हुई और भारत एक खुली अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ गया और जापानी मोटर साइकिल कंपनियों से भारतीय दुपहिया वाहनों को कड़ी टक्कर मिलने लगी, उस समय भी राहुल बजाज ने कंपनी को आगे बढ़ाया।
बजाज समूह की अग्रणी कंपनी बजाज ऑटो का कारोबार एक समय 7.2 करोड़ रुपये था, जो कि आज 12,000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है और उसके उत्पादों का पोर्टफोलियो भी बढ़ा है। राहुल बजाज ने उम्र का हवाला देते हुए पिछले साल पद छोड़ने का फैसला किया था। कंपनी के गैर-कार्यकारी निदेशक राहुल बजाज 1972 से बजाज ऑटो और पिछले पांच दशकों से बजाज ग्रुप ऑफ कंपनीज से जुड़े हुए हैं।