बम धमाके: अदालत के फैसले के बाद एक बार फिर चर्चा में आया आजमगढ़

आजमगढ़ (मानवीय सोच)  अहमदाबाद बम धमाकों के मामले में निचली अदालत के शुक्रवार के फैसले के बाद आजमगढ़ एक बार फिर चर्चा में है। जुलाई 2008 में अहमदाबाद में हुए बम धमाकों में 56 लोगों के मारे जाने की घटना में आजमगढ़ जिले के निवासी पांच अभियुक्तों को वहां की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को मृत्युदंड और एक को ताउम्र कैद की सजा सुनाई है। इनमें से दो संजरपुर, एक बीनापारा गांव तथा तीन अन्य स्थानों के रहने वाले हैं। इनके परिजन तथा अन्य कई स्थानीय लोग इस फैसले को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ध्रुवीकरण की भाजपा की कोशिश के तौर पर देखते हैं और इस निर्णय के समय पर सवाल उठा रहे हैं।

बम धमाके के मामले में मौत की सजा पाए संजरपुर निवासी मोहम्मद सैफ के पिता शादाब अहमद ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, “निचली अदालत पर वैसे भी हमें यकीन नहीं था। अब हम उसके फैसले को उच्च न्यायालय में जरूर चुनौती देंगे।” उन्होंने आरोप लगाया, “ऐसा लगता है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए इस वक्त यह फैसला सुनाया गया है। अदालत ने पिछले साल तीन सितंबर को इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन उसे करीब पांच महीने बाद विधानसभा चुनाव के ठीक बीच में सुनाया जाना कई सवाल खड़े करता है।”

पूरा मामला राजनीतिक, हम हाई कोर्ट जाएंगेः पीड़ित परिवार
समाजवादी पार्टी  के कार्यकर्ता अहमद ने कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस फैसले को एक मौके के तौर पर लपकना और यह कहना कि अहमदाबाद बम धमाके में मौत की सजा पाए व्यक्ति का पिता समाजवादी पार्टी के लिए वोट मांग रहा है, भी उनके इरादों की तरफ साफ इशारा देता है।” मौत की सजा पाए संजरपुर निवासी आरिफ के भाई अमीर हमजा ने कहा “निचली अदालत से वैसे भी इंसाफ की उम्मीद नहीं थी। पूरा मामला राजनीतिक है। हम उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।”

हालांकि सजा पाए बाकी लोगों के परिजन इस मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय लोग अहमदाबाद बम धमाकों के मामले में निचली अदालत के फैसले के समय पर सवाल उठा रहे हैं। संजरपुर के निवासी अली अहमद ने कहा कि अदालत का फैसला ऐसे वक्त पर आया है कि इस पर सवाल खड़े होना लाजमी है। इस निर्णय के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाना चाहिए। इस बीच, भाजपा अहमदाबाद बम धमाकों के मामले में निचली अदालत के फैसले को लेकर सपा पर हमलावर हो गई है।

सीएम योगी ने साधा था सपा पर निशाना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को यह निर्णय आने के बाद कानपुर में अपनी एक चुनावी सभा में कहा कि सपा आतंकवादियों को संरक्षण देने वाली पार्टी है और अहमदाबाद बम धमाके के मामले में सजा पाए एक अभियुक्त का पिता इसी पार्टी के लिए वोट मांग रहा है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह अदालत का फैसला है और इससे उनकी पार्टी का कोई लेना देना नहीं है। जहां तक मुख्यमंत्री के इस मामले को लेकर सपा पर किए गए कटाक्ष की बात है तो वह बिल्कुल सही है कि सपा आतंकवादियों का साथ देती रही है।

आजमगढ़ के मुस्लिमों को निशाना बनाने की कोशिशः रिहाई मंच
आतंकवाद के आरोप में बेगुनाह मुसलमानों को पकड़े जाने के खिलाफ आवाज उठाने वाले रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव ने आरोप लगाया कि इस फैसले से एक बार फिर आजमगढ़ और मुसलमानों को निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है। यादव ने कहा कि आतंकवाद के मामलों में जितने मुसलमानों को सजा सुनाई गई है उससे कहीं ज्यादा को बाइज्जत बरी भी किया जा चुका है लेकिन यह तथाकथित धर्मनिरपेक्ष राजनीति की नाकामी है कि वह इस सकारात्मक पहलू को सामने नहीं रखती। विधानसभा चुनाव पर अदालत के इस फैसले के प्रभाव के बारे में यादव ने कहा कि भाजपा ने अपने तयशुदा एजेंडा के तहत आजमगढ़ को एक बार फिर बदनाम करने की कोशिश शुरू कर दी है। मगर वक्त गुजरने के साथ लोगों को एहसास हो गया है कि असलियत क्या है।

आतंकवाद के मामले में मुसलमानों की गिरफ्तारी के खिलाफ अभियान चलाने वाले राष्ट्रीय उलमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपने सारे मुद्दे नाकाम होने के बाद भाजपा एक बार फिर मुसलमानों को आतंकवाद के नाम पर बदनाम कर ध्रुवीकरण के अपने पुराने एजेंडे पर लौट आई है। उन्होंने आरोप लगाया कि अहमदाबाद बम धमाकों के मामले में सुनाया गया फैसला भी इसी की एक कड़ी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *