लखनऊ (मानवीय सोच) : उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव से पहले भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने वाले वरिष्ठ अधिकारी असीम अरुण ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ग्रहण कर ली। समझा जाता है कि दलित समुदाय से आने वाले अरुण को भाजपा उनके गृह जनपद कन्नौज से चुनाव मैदान में उतार सकती है। अरुण ने हाल ही में पुलिस सेवा से वीआरएस लिया था। वह कानपुर के पुलिस आयुक्त थे।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की मौजूदगी में अरुण को पार्टी की सदस्यता दिलायी। इस मौके पर सिंह ने कहा कि अरुण जैसे ईमानदार और कर्मठ अधिकारी के भाजपा में आने से पार्टी कार्यकर्ताओं को सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी। ठाकुर ने अरुण का भाजपा में स्वागत करते हुये कहा कि पार्टी में उनके शामिल होने से देश भर में युवाओं को जोड़ने के अभियान को गति मिलेगी। ठाकुर ने समाजवादी पार्टी (सपा) को दंगाईयों की पार्टी बताते हुये कहा कि सपा के समाजवाद का असली खेल है उनके उम्मीदवार या तो जेल में हैं या बेल पर हैं।
ठाकुर ने गैंगिस्टर एक्ट में शनिवार को गिरफ्तार किये गये कैराना से सपा प्रत्याशी नाहिद हसन और जमानत पर रिहा हुये आजम अब्दुल्ला का उदाहरण देते हुये कहा कि सपा के उम्मीदवारों की सूची में शामिल पहला प्रत्याशी (हसन) जेल में है तथा एक और संभावित प्रत्याशी अब्दुल्ला ‘बेल’ पर है। उन्होंने कहा कि सपा में दंगा फैलाने वाले शामिल होते हैं और भाजपा में दंगाईयों को जेल भेजने वाले शामिल होते हैं। भाजपा और सपा में यही फर्क है।
इस दौरान अरुण ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुशल प्रशासक वाली साफ छवि से प्रभावित होकर भाजपा में आये हैं। उल्लेखनीय है कि अरुण का वीआरएस आवेदन हाल ही में सरकार द्वारा स्वीकार किये जाने के बाद 15 जनवरी को ही वह सेवामुक्त हुए हैं।