यूपी (मानवीय सोच) सपा की सरकार न पाने का अखिलेश के बाद शिवपाल को भी मलाल है। भाजपा को मिले प्रचंड बहुमत के बाद शिवपाल यादव ने जीते सभी विधायकों को शुभकमानाएं देते हुए हारी सीटों पर विश्लेषण करने की बात कही। जसवंतनगर सीट से सपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े शिवपाल यादव ने अपनी सीट को बचा ली लेकिन सपा प्रदेश में सरकार नहीं बना पाई। 2017 के मुकाबले इस बार सपा ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए सीटों में बढ़ोत्तरी हासिल की। उन्होंने कहा, माहौल अनुकूल था, पार्टी में कमियां थीं, हम उन पर विचार करेंगे और उनका विश्लेषण करेंगे। शिवपाल यादव बोले पार्टी को मजबूत करेंगे। उन्होंने कहा, जीतने वाले विधायकों के साथ हमारा वोट-शेयर बढ़ा है लेकिन कहीं न कहीं बीजेपी को फायदा मिला है।
बतादें कि यूपी चुनाव का परिणाम आने के बाद शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी की हार के बाद भी प्रसपा के प्रमुख शिवपाल यादव ने यूपी की जनता का आभार जताया था और धन्यवाद बोला था। जसवंतनगर सीट से चुनाव जीतने के बाद शिवपाल ने ट्वीट कर लिखा, जसवंतनगरवासियों से मिले आशीर्वाद, स्नेह व अपार जनसमर्थन के लिए सम्मानित जनता, शुभचिंतकों, मित्रों व कर्मठ कार्यकर्ताओं का हृदय से आभार। प्रदेश की सम्मानित जनता द्वारा दिए गए जनादेश का हृदय से सम्मान करते हुए एक मजबूत विपक्ष के सृजन हेतु प्रदेशवासियों को आभार व बधाई देता हूं।
90979 वोटों से भाजपा प्रत्याशी को हराकर जीते थे शिवपाल
इटावा जिले की जसवंतनगर विधानसभा सीट पर सपा जीत दर्ज की। शिवपाल यादव ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार विवेक शाक्य को 90979 वोटों से शिकस्त दी। जसवंत नगर विधानसभा सीट पर अब तक 16 चुनाव हुए हैं। जिसमें से 12 में मुलायम सिंह यादव या उनके भाई शिवपाल यादव जीते। 1996 से शिवपाल यहां से जीत रहे हैं। मुलायम का पैतृक गांव सैफई इसी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इस बार यहां जातीय गणित और रसूख का मुद्दों से मुकाबला है। 2017 की प्रचंड भाजपा लहर में भी इटावा की जसवंतनगर सीट सपा ने 52,616 वोटों से जीती थी। इसीलिए इस सीट को सपा का गढ़ कहा जाता है। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव जसवंतनगर से सात बार चुनाव जीते। उनके भाई शिवपाल यादव लगातार पांचवीं बार विधायक हैं।