नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ यूनाइटेड फार्मर्स फ्रंट की ओर से आहूत ‘भारत बंद’ आज से शुरू हो गया है. इस बीच उत्तर प्रदेश को दिल्ली से जोड़ने वाले यूपी-गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने नेशनल हाईवे-9 और नेशनल हाईवे-24 को जाम कर दिया है. वहीं किसान आंदोलन में शामिल 40 किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा की अपील के बाद बड़ी संख्या में लोग इसमें शामिल हो रहे हैं. जबकि दिल्ली सरकार समेत कई पार्टियों ने भारत बंद का समर्थन किया है.
इसके अलावा अक्षरधाम, नोएडा लिंक रोड, डीएनडी, गाजीपुर रोड, जीटी रोड, वजीराबाद रोड, एनएच-1 और दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेसवे पर भी ट्रैफिक धीमा है. वहीं, DMRC ने भारत बंद को लेकर CISF, मेट्रो पुलिस और DMRC स्टाफ को भी हाई अलर्ट पर रखा है.
दिल्ली ट्रैफिक ने जारी किया अलर्ट
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने भारत बंद को देखते हुए यूपी-गाजीपुर बॉर्डर पर सुबह से ही ट्रैफिक बंद कर दिया था, ताकि किसान किसी भी हाल में दिल्ली में प्रवेश न कर सकें. वहीं लाल किले के दोनों रास्ते बंद कर दिए गए हैं तो छत्ता रेल और सुभाष मार्ग दोनों तरफ से बंद हैं।
कई दल भारत बंद का समर्थन कर रहे हैं
आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, बसपा और लेफ्ट समेत तमाम बड़ी पार्टियों ने किसानों के ‘भारत बंद’ का समर्थन किया है. जबकि यह बंद शाम चार बजे तक चलेगा। भारत बंद पर, संयुक्त किसान मोर्चा ने भी राजनीतिक दलों से लोकतंत्र और संघवाद के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए अपनी लड़ाई में भाग लेने के लिए कहा था।
दिल्ली पुलिस ने किए सुरक्षा के कड़े इंतजाम
वैसे दिल्ली पुलिस ने भारत बंद को लेकर अपने 15 जिलों की पुलिस को अलर्ट पर रखा है. इसके अलावा दिल्ली की सीमा, नई दिल्ली के इलाकों और लाल किले के आसपास भारी पुलिस बल और अर्धसैनिक बल तैनात किया गया है. जबकि दिल्ली पुलिस की यह सुरक्षा व्यवस्था सुबह 5 बजे से भारत बंद खत्म होने तक जारी रहेगी. वहीं, भारत बंद को लेकर डीएमआरसी भी अलर्ट पर है। इसके अलावा पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) दीपक यादव ने कहा कि भारत बंद के मद्देनजर एहतियात के तौर पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. शहर की सीमा पर तीन विरोध स्थलों से किसी भी प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
अभी तक नहीं किया
पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों को डर है कि यह न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को नष्ट कर देगा और उन्हें बड़े कॉरपोरेट्स की दया पर छोड़ देगा। हालांकि, सरकार तीन कानूनों को प्रमुख कृषि सुधारों के रूप में पेश कर रही है। दोनों पक्षों के बीच 10 दौर से अधिक की वार्ता गतिरोध को तोड़ने में विफल रही है।