नई दिल्ली (मानवीय सोच) भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने आर्थिक संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए. इससे संयुक्त अरब अमीरात से सोने की छड़ों और भारत से तैयार आभूषणों पर व्यापार समझौते के तहत महत्वपूर्ण शुल्क कटौती मिल रही है. इसको लेकर वाणिज्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने पत्रकारों के एक समूह से कहा कि FTA या CEPA व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय गैर-तेल व्यापार को सालाना 100 बिलियन डॉलर तक बढ़ाना है.
भारत हर साल करता है 800 टन सोने का आयात
उन्होंने कहा कि हम सोने के एक प्रमुख आयातक हैं. भारत हर साल 800 टन सोने का आयात करता है. भारत ने UAE को 200 टन सोने का टैरिफ दर कोटा दिया है. इस पर दुनिया के अन्य देशों की तुलना में 1 प्रतिशत कम शुल्क लगाया जाएगा. इससे UAE को सोने की छड़ों में 1% का फायदा मिलेगा.
गहनों के निर्यात में मिलेगी मदद
उन्होंने कहा कि भारत के पक्ष में बड़ा लाभ यह है कि भारतीय आभूषणों को संयुक्त अरब अमीरात के बाजार में शून्य प्रतिशत शुल्क पहुंच प्राप्त है. UAE में वर्तमान में भारतीय गहनों पर 5% शुल्क है, जिसे मई के पहले सप्ताह में FTA लागू होने पर समाप्त कर दिया जाएगा. कुल मिलाकर, रत्न और आभूषण क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय गहनों के संचालन के साथ बढ़त मिलेगी, जो सिंगापुर और हांगकांग से भारत में स्थानांतरित होने की उम्मीद है.
अगले 3 वर्ष में गहनों का निर्यात 200 प्रतिशत करने का लक्ष्य
सचिव सुब्रह्मण्यम ने कहा कि UAE हमारे लिए बाकी दुनिया, मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका और मध्य एशिया में प्रवेश करने के लिए एक बहुत बड़ा प्रवेश द्वार है. अनुमान है कि अगले 3 वर्ष में भारतीय गहनों का निर्यात 200% तक बढ़ सकता है.
दोनों देशों के बीच अभी 60 अरब डॉलर का है व्यापार
उन्होंने कहा कि वर्तमान में व्यापार 60 अरब डॉलर का है. यह एक दशक में भारत का पहला व्यापक व्यापार समझौता है और सौदे के तहत 80% टैरिफ लाइनों पर शुल्क समाप्त हो जाएगा
UAE के मंत्री ने बताया सुधारवादी कदम
संयुक्त अरब अमीरात के अर्थव्यवस्था मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मैरी ने समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद हमारी सहयोगी वेबसाइट WION के सवाल के जवाब में कहा कि हर कोई अर्थव्यवस्था के लिए सुधार की तरफ बढ़ रहा है. हम दुनिया को प्रभावित करने वाली महामारी से गुजर चुके हैं. साल की शुरुआत में हुआ यह समझौता वास्तव में अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए है. इससे भारत को रत्न और आभूषण, कपड़ा, चमड़ा, जूते, खेल के सामान, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि और लकड़ी के उत्पाद, इंजीनियरिंग उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स व चिकित्सा उपकरण और ऑटोमोबाइल के लिए भारतीय निर्यातकों को संयुक्त अरब अमीरात के बाजार पहुंच प्राप्त होगी.
UAE बना व्यापारिक केंद्र
भारतीय व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि UAE ने एक वर्ष के दौरान एक व्यापारिक केंद्र की प्रतिष्ठा बनाई है, जिस पर लोगों का विश्वास है कि यह निर्बाध और बहुत सुचारू रूप से काम करता है और वित्तीय प्रणालियों की मजबूत रीढ़ है. बंदरगाह प्रणाली, रसद श्रृंखला और निर्यात को गहरा करने से निश्चित रूप से हमें अन्य देशों तक पहुंच प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
फार्मास्यूटिकल्स पर अलग से अनुबंध किया गया शामिल
बता दें कि भारतीय फार्मास्युटिकल उत्पादों को 90 दिनों में विनियामक अनुमोदन देकर उनकी पहुंच को सुगम बनाने के लिए फार्मास्यूटिकल्स पर एक अलग अनुबंध शामिल किया गया है. FTA पर हस्ताक्षर होने पर भारत स्वतंत्रता के 75 वर्ष मना रहा है. वहीं, UAE अपनी स्थापना की 50वीं वर्षगांठ मना रहा है.