मुंबई (मानविया सोच) : ऑस्कर नॉमिनेटेड लेखक-निर्देशक पीटर बोगदानोविच का निधन हो गया है। वह 82 वर्ष के थे। पीटर का गुरुवार आधी रात को लॉस एंजेलिस स्थित उनके घर पर निधन हो गया। उनकी बेटी एंटोनिया बोगदानोविच ने अपने पिता के निधन की जानकारी दी है। पीटर 70 के दशक के सबसे चर्चित फिल्ममेकर्स में से एक थे। उनका जीवन भी किसी हॉलीवुड की ड्रामा फिल्म से कम नहीं था। उनका हॉलीवुड में योगदान अतुलनीय है। उन्होंने अपने समय के बेहतरीन फिल्में लिखीं भी और उनका निर्देशन भी किया। वो ना सिर्फ अपनी रील लाइफ बल्कि रियल लाइफ की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहे थे।
पीटर की मृत्यु के हॉलीवुड इंडस्ट्री को गहरी क्षति हुई है। उनके मृत्यु की खबर डुबकी बेटी एंटोनिया बोगदानोविच ने दी है। उनकी उम्र 82 साल की और वो उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे। मूल रूप से एक स्टेज एक्टर की तरह प्रशिक्षित जिन्होंने लेखन और निर्देशन से भी अपनी पहचान बनाई। उबके जन्म 30 जुलाई 1939 को हुआ था। पहले वो एक फिल्म पत्रकार थे लेकिन उन्हें रोजर कोरमैन ने ‘द वाइल्ड एंजल्स’ से जोड़ लिया। फिर उनके फिल्मों के सफर की शुरुआत हुई।
पीटर ने अपनी खुद की फिल्म का निर्देशन भी शुरू किया उन्होंने 1968 में अपनी फिल्म ‘टारगेट’ बनाई जो कि क्रिटिकली बहुत सफल हुई। इस के बाद उन्होंने 1971 में ड्रामा ‘द लास्ट पिक्चर शो’ बनाई जिसके बाद उन्हें बहुत तारीफ मिली। वो उस समय के बेहतरीन निर्देशकों की लिस्ट में आ गए थे। इस फिल्म ने उनको अलग पहचान दिलाई। ये फिल्म ऑस्कर में बेस्ट डायरेक्टर और बेस्ट अडॉप्टेड स्क्रीनप्ले की श्रेणी में नॉमिनेट हुई। इसकी सफलता का बाद उन्होंने 1972 में ‘ व्हाट्स अप डॉक?’ नाम की कॉमेडी फिल्म बनाई।
उनके जीवन मे सबसे महत्वपूर्ण फिल्मों में से एक थी ‘पेपर मून’ जो उन्होंने 1973 में बनाई थी। इस फिल्म के लिए उन्हें एक बार फिर एक बड़े अवॉर्ड शो ‘ गोल्डन ग्लोब’ में बेस्ट डायरेक्टर की श्रेणी में चुना गया। इसके बाद उनकी तीन फिल्में असफल रहीं लेकिन इसके बाद उन्होंने फिर से एक कल्ट फिल्म के माध्यम से वापसी की जिसका नाम था ‘सेंट जैक’ ये 1979 में रिलीज हुई थी। इसके बर्फ उनके फिल्मों का सिलसिला जारी रहा और वो हॉलीवुड के सबसे दिग्गज निर्देशकों की श्रेणी में आ गए। वो अंतिम बार एबीओ की सीरीज ‘द सोप्रोन्स’ में नजर आए थे। उन्हें उनके महान फिल्मों के लिए हमेशा याद किया जाता रहेगा।