महाकुंभ : 500 परियोजनाओं को तय समयसीमा में पूरा करना चुनौती

दुनिया को भारत की सनातन संस्कृति से रूबरू कराने वाले महाकुंभ के भव्य आयोजन के लिए केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों ने दिन-रात एक कर दिया है, लेकिन मेले से जुड़ी 500 परियोजनाओं को तय समयसीमा में गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा करना अधिकारियों के सामने एक बड़ी चुनौती है. प्रयागराज में 14 जनवरी, 2025 को मकर संक्रांति के स्नान के साथ शुरू होने जा रहे महाकुंभ का दायरा और बजट 2013 के पिछले महाकुंभ से लगभग तीन गुना है. प्रदेश सरकार के 15 से अधिक विभाग कुंभ की तैयारियों में जुटे हैं. कार्य की प्रगति धीमी होने की वजह से सरकार ने समयसीमा बढ़ाकर 15 दिसंबर, 2024 तक कर दी है. 

कर्नलगंज से पार्षद आनंद घिल्डियाल ने कहा, ‘‘बैरहना चौराहे से सीएमपी डॉट के पुल तक मार्ग का चौड़ीकरण बहुत आवश्यक है. पिछले कुंभ में आधे मार्ग तक डिवाइडर बनाकर काम अधूरा छोड़ दिया गया था, जिसे इस कुंभ में पूरा किया जाना था। लेकिन मेला नजदीक आने के चलते अधिकारी अन्य परियोजनाएं पूरी करने में जुटे हैं उन्होंने कहा कि इसी तरह, प्रयागराज रेलवे जंक्शन से मेला क्षेत्र को जोड़ने वाले मार्ग-लीडर रोड पर भी जॉनसनगंज चौराहे से स्टेशन तक चौड़ीकरण नहीं किया गया, जिससे स्टेशन से मेले में आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.