नई दिल्ली (मानवीय सोच) गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी की मुश्किलें कम होती दिखाई नहीं दे रहे है। मगंलवार को असम के बारपेटा जिले की स्थानीय अदालत ने मेवानी को महिला पुलिसकर्मी के साथ छेड़छाड़ मामले में पांच दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादित ट्वीट करने को लेकर कोर्ट ने सोमवार को ही जिग्नेश मेवानी को जमानत दी थी। जमानत के कुछ ही देर बाद जिग्नेश मेवानी पर दूसरे थाने में दर्ज महिला पुलिसकर्मी के साथ बदतमीजी करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।
बता दें कि असम के कोकराझार कोर्ट से जिग्नेश मेवानी को जमानत मिल गई थी। इसके तुरंत बाद पुलिस ने मेवानी को एक अन्य मामले में गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान कोरकाझार से जिग्नेश मेवानी को बारपेटा ले जाया गया। इसी दौरान उनपर महिला पुलिसकर्मी से छेड़छाड़ करने और उन्हें गाली देने का आरोप लगा। इससे पहले जिग्नेश मेवानी पर पीएम मोदी के खिलाफ विवादित ट्वीट करने को लेकर गिरफ्तार किया गया था। असम पुलिस ने मेवानी को गुजरात से गिरफ्तार किया था। इस मामले में मेवानी तीन दिनों तक पुलिस की रिमांड में थे।
जिग्नेश मेवानी पर दर्ज शिकायत में उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 120 (बी) समेत कई धाराएं लगाई गई है। उनपर बीजेपी, आरएसएस और पीएम मोदी के खिलाफ विवादित और तल्ख टिप्पणी करने का आरोप है। पीएम मोदी के गुजरात दौरे से पहले भी मेवानी ने कुछ विवादित ट्वीट किए थे जिसपर पुलिस ने संज्ञान लिया है।