मुंबई (मानवीय सोच) बीजेपी पार्षद योगिता कोली द्वारा बीएमसी स्कूलों में भगवत गीता पाठ की मांग किए जाने के बाद बीएमसी में समाजवादी पार्टी के नेता रईस शेख ने इसका विरोध किया है. बीएमसी मेयर किशोरी पेडनेकर को शेख ने इसके लिए पत्र लिखते हुए कड़े शब्दों में योगिता कोली के नोटिस को खारिज करने के लिए कहा है.
सपा नेता ने मेयर को लिखा पत्र
बीएमसी मेयर को लिखे पत्र में सपा नेता ने इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया कि पहले बीएमसी नेताओं की बैठक में ये फैसला लिया गया था कि बीएमसी स्कूलों में धार्मिक शिक्षा से संबंधित किसी भी प्रस्ताव या नोटिस को रिकॉर्ड या एजेंडे में नहीं लिया जाना चाहिए. इसके बाद भी बीजेपी पार्षद ने स्कूलों में गीता पढ़ाने का नोटिस दिया है.
‘वोटों का ध्रुवीकरण करना है भाजपा का एजेंडा’
शेख ने भाजपा द्वारा पेश किए गए इस नोटिस के समय पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि ‘ये और कुछ नहीं बल्कि इस तरह का विवाद करके आगामी बीएमसी चुनाव से पहले वोटों का ध्रुवीकरण करना भाजपा का एजेंडा है. इस तरह के नोटिसों पर बीएमसी को विचार नहीं करना चाहिए और इसलिए हमने मेयर को लिखा है और न केवल अपना विरोध दर्ज कराया है बल्कि उनसे बीजेपी द्वारा दिए गए नोटिस को खारिज करने का अनुरोध किया है.
भाजपा पार्षद ने स्कूलों में गीता पढ़ाने की मांग
भगवत गीता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए भाजपा पार्षद योगिता कोली ने गुरुवार को बीएमसी स्कूलों में इसे पढ़ने की मांग की. उन्होंने गुरुवार को मेयर किशोरी पेडनेकर से मुलाकात की और कहा कि वो नगर निकाय की आगामी आम बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव लाएंगी. बीएमसी मेयर को लिखे पत्र में योगिता कोली ने कहा कि भगवत गीता गहन भारतीय दर्शन का वर्णन करती है.
उन्होंने कहा था कि ‘भगवद गीता भारतीय दर्शन पर एक प्राचीन ग्रंथ है. वेदों की अंतिम रचना में इस पुस्तक को ‘गीतोपनिषद’ के रूप में भी जाना जाता है. इसमें जीवन के बारे में अर्जुन को भगवान कृष्ण की शिक्षाएं शामिल हैं. 5,000 साल पहले भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता सुनाई. इसलिए गीता पर हाथ रखकर शपथ लेने के लिए अदालत में एक प्रथा बन गई है. भगवद गीता हिंदुस्तान में सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है और मानव इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण दर्शन ग्रंथों में से एक है.’