मुरादाबाद में भाजपा नेता की सरपरस्ती में फैक्ट्री तोड़कर बन रही थी अवैध कॉलोनी

मुरादाबाद  (मानवीय सोच) कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन चुकी दसवां घाट की अवैध कालोनी पर आखिरकार एमडीए ने सील लगा दी है। 24 बीघा में बनी फैक्ट्री को तोड़कर बिना ले – आउट पास कराए यह फैक्ट्री एक BJP नेता की सरपरस्ती में बन रही थी। कालोनी को दूसरे समुदाय के लोग बना रहे हैं।

इसलिए घनी हिंदू बस्ती के बीच इसे लेकर आक्रोश था। मंदिर के ठीक बराबर में कालोनी का रास्ता खोले जाने के विरोध में स्थानीय नागरिकों ने हंगामा भी किया था, जिसके बाद यहां 25 मार्च को पुलिस ने काम रुकवा दिया था।

मुंह बंद करने को थोप दिए मुकदमे

अवैध होने के बावजूद प्राधिकरण इस पर तुरंत एक्शन की हिम्मत नहीं जुटा सका। सूत्रों का कहना है कि यह कालोनी एमडीए के बड़े अफसरों के साथ- साथ एक भाजपा नेता की सरपरस्ती में बन रही थी। जिसकी वजह से इसे सील करने में एमडीए को 23 दिन का वक्त लग गया। बता दें कि ये वही एमडीए अफसर हैं जिन्होंने मंदिर को अवैध बताकर उस पर ताला डलवाने में 2 मिनट की भी देरी नहीं की थी। उन्हें 24 बीघा के अवैध निर्माण को सील करने में 24 दिन लग गए। इससे पहले विरोध करने वालों को ही मुकदमा करके उनका मुंह बंद करने की कोशिश भी की गई। जिन स्थानीय लोगों ने इस अवैध कालोनी का विरोध किया था, उन सभी को पुलिस ने शांति भंग में निरुद् कर दिया था। लेकिन मामला शासन तक पहुंचने के बाद एमडीए को मजबूरी में यहां एक्शन लेना ही पड़ा।

पैरामाउंट एक्सपोर्ट में बन रही थी कॉलोनी
नागफनी दसवां घाट में बहुत पुरानी एक्सपोर्ट फर्म पैरामाउंट एक्सपोर्ट है। सूत्रों का कहना है कि इसके मालिक मनमोहन महाजन ने यह फैक्ट्री दूसरे समुदाय के लोगों को कालोनी काटने के लिए दे दी है। जिसके बाद फैक्ट्री को तोड़कर दूसरे समुदाय के लोग यहां कालोनी काट रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि घनी आबादी के बीच 24 बीघा में बन रही इस कालोनी में एक भाजपा नेता की भी हिस्सेदारी है। नेता की सरपरस्ती थी इसलिए कालोनी बनाने के लिए नियमानुसार प्राधिकरण से कोई मानचित्र भी पास नहीं कराया गया। कालोनी का गेट शिव मंदिर के पास खुला तो लोगों ने इसका विरोध किया। तब जाकर यह मामला उजागर हुआ।

दूसरी फैक्ट्री भी सील करेगा एमडीए
मनमोहन महाजन के साथ ही उनके भाई मोहन महाजन भी इस एक्सपोर्ट फर्म में हिस्सेदार हैं। उनके हिस्से में भी करीब 5000 वर्ग गज जमीन में फैक्ट्री को तोड़कर प्लाटिंग के लिए समतल कर दिया गया है। यहां भी बिना मानचित्र कालोनी काटी जा रही थी। एमडीए का कहना है कि इसे भी सील किया जाएगा।

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