लखनऊ: लखनऊ पुलिस ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर संस्था बनाकर बेरोजगारों को ठगने वाले एक ऐसे गैंग को पकड़ा है, जिसका मास्टरमाइंड खुद को आईएएस अधिकारी बताता था. फिलहाल पुलिस ने इस गैंग के मास्टरमाइंड समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से ना सिर्फ संस्था के नाम पर ठगी के बल्कि पुलिस भर्ती परीक्षा से भी जुड़े तमाम दस्तावेज बरामद हुए हैं.
इस तरह पता चला फर्जीवाड़े का
पुलिस के अधिकारी जनता के संपर्क में रहे और सोशल मीडिया पर सक्रिय तो जनता कैसे सूचना देती है, लखनऊ के हजरतगंज और हुसैनगंज पकड़ा गया जालसाज गैंग इसी का नतीजा है. दरअसल बीते 10 दिसंबर को यूपी पुलिस के ट्विटर अकाउंट पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर बनी संस्था की आड़ में ठगी की शिकायत की गई. पुलिस कमिश्नर ने शिकायत पर लखनऊ क्राइम ब्रांच को सक्रिय किया. उन अखबारों के दफ्तरों में जाकर पूछताछ की जिनमें अटल बिहारी वाजपेई जल संरक्षण पर्यावरण एवं कृषि शोध प्रशिक्षण संस्थान का विज्ञापन निकला था. ऐड एजेंसी से मिले पते पर जब पुलिस पहुंची तो पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया. पुलिस ने सर्विलांस की मदद से इस ठगी के धंधे के मास्टरमाइंड पंकज मिश्रा को हुसैनगंज इलाके से गिरफ्तार किया.
नौकरी के नाम पर भी ठगी
पंकज मिश्रा खुद को आईएएस अधिकारी बता कर लोगों को अपना शिकार बना रहा था. पंकज मिश्रा के पास से उत्तर प्रदेश पुलिस के 11 जिलों में हो रही जेल वार्डन और फायरमैन की भर्ती परीक्षा से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए. पूछताछ की गई तो हजरतगंज पुलिस ने पंकज मिश्रा के दूसरे साथी संजीत मल को भी दबोच लिया. पूर्व प्रधानमंत्री के नाम पर हो रही इस ठगी में गैंग ने शुरुआत ही की थी कि बरोजागरों से परीक्षा शुल्क के नामपर वसूली शुरू ही करनी थी कि पुलिस ने दबोच लिया. यही वजह है आरोपी संजीत को तो ठगी का यह धंधा कोई गलत ही नहीं लगा.
वहीं पुलिस कमिश्नर इसे बेरोजगारों के मन से खिलवाड़ कर पैसे ऐंठना ऐसा अपराध मान रहे हैं जिसमें कई बार बेरोजगार अवसाद में चला जाता है.