जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के दोनों बेटों जहीर और जमीर ने मंगलवार को पहली बार प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही देखने के लिए सदन में पहुंचे। पिता के चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाने वाले बेटों ने राजनीति में शामिल होने की योजना पर कोई जवाब नहीं दिया। बस इतना बोले कि अभी इस लिहाज से बहुत छोटे हैं और पहले सब कुछ सीखना चाहते हैं। आपको बता दें कि उमर और उनकी पत्नी पायल नाथ के बेटे जहीर तथा जमीर अब्दुल्लाह पेशे से अधिवक्ता हैं। उमर और उनकी पत्नी के बीच अलगाव होने के बाद दोनों उमर के साथ रहते हैं।
दोनों भाई यहां विधानसभा परिसर पहुंचे और उन्होंने सदन द्वारा दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दिए जाने के दौरान सदन की कार्यवाही देखी। वे मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर असलम वानी के बगल में बैठे थे। चुनाव के दौरान जहीर और जमीर दोनों ने उनके परिवार के गढ़ रहे गांदरबल में विधानसभा चुनाव के प्रचार में सक्रिय रूप से भाग लिया था। इसी सीट से उनके पिता ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वे लोकसभा चुनावों के दौरान भी अपने पिता के साथ चुनाव प्रचार में शामिल हुए थे, जिसमें अब्दुल्ला उत्तरी कश्मीर के बारामूला लोकसभा क्षेत्र से हार गए थे। विधानसभा चुनावों में दोनों को अपने पिता के लिए सक्रिय रूप से प्रचार करते हुए, गांदरबल विधानसभा क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलते और बातचीत करते हुए देखा गया था।
उमर अब्दुल्ला के बेटों ने मध्य कश्मीर जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए सार्वजनिक भाषण भी दिए। उन्होंने कार्यकर्ताओं की बात सुनी और उन्हें आश्वासन दिया कि वे स्वयं यह सुनिश्चित करेंगे कि उनकी वास्तविक चिंताओं पर ध्यान दिया जाए। हाल ही में उन्होंने जम्मू में नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) मुख्यालय में पार्टी की युवा इकाई की बैठक में भी हिस्सा लिया। उन्होंने पार्टी के छात्र संघ कार्यालय का दौरा किया और युवा कार्यकर्ताओं से बातचीत की। हालांकि, दोनों का कहना यही है कि उनकी राजनीति में शामिल होने की कोई योजना नहीं है क्योंकि वे अभी इस लिहाज से छोटे हैं और पहले सीखना चाहते हैं।