राज्यसभा में कांग्रेस पर जमकर बरसे पीएम मोदी, दिलायी ‘आपातकाल’ की याद

नई दिल्ली (मानवीय सोच) राज्यसभा में राष्ट्रपति के भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम लेते हुए कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि भारत 1947 में ही बना था। उन्हें लगता है कि उन्हीं की वजह से लोकतंत्र है लेकिन उन्हें 1975 याद नहीं है जब देश पर आपातकाल थोप दिया गया था।

परिवारवादी पार्टियों से देश को खतरा- पीएम

प्रधानमंत्री ने कहा, भारत के लोकतंत्र को सबसे बड़ा खतरा परिवारवादी पार्टियों से हैं। पार्टी में भी कोई परिवार सर्वोपरि हो जाता है तो सबसे पहली कैजुअलिटी टैलेंट की होती है। अरसे तक देश ने इस सोच का बहुत नुकसान पहुंचाया है। मैं चाहता हूं कि सभी दल अपने दलों में भी लोकतांत्रिक आदर्शों को विकसित करें और सबसे पुरानी पार्टी के रूप में कांग्रेस इसकी जिम्मेदारी ज्यादा उठाए।

कांग्रेस न होती इमर्जेंसी का कलंक न  होता- मोदी

राज्यसभा में पीएम बोले, यहां पर कहा गया कि कांग्रेस न होती तो क्या होता। ‘इंडिया इज इंदिरा, इंदिरा इज इंडिया’ की सोच का परिणाम है। महात्मा गांधी की इच्छा थी कि कांग्रेस न रहे। वो जानते थे कि इसका क्या होने वाला है। अगर कांग्रेस न होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता। भारत विदेश सपने के बजाय स्वदेशी के रास्ते पर चलता। अगर कांग्रेस न होती तो इमर्जेंसी का कलंक न होता। अगर कांग्रेस न होती तो करप्शन संस्थागत न होता। अगर कांग्रेस न होती तो जातिवाद की खाई इतनी गहरी न होती। अगर कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंघार न होता। 14 साल पंजाब आतंकी आग में न जलता। अगर कांग्रेस न होती तो देश के सामान्य व्यक्ति को मूल सुविधाओं के लिए इतने सालों तक इंतजार न करना पड़ता।

मोदी ने कहा, ‘कांग्रेस को नेशन पर भी आपत्ति है। अगर इसकी यह गैरसंवैधानिक है तो आपकी पार्टी का नाम इंडियन नेशनल क्यों रखा गया। अब आपकी नई सोच आई है तो इसका नाम बदलकर फेडरेशन ऑफ कांग्रेस कर दीजिए। अपने पूर्वजों की गलती सुधार दीजिए।’

 

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