लखनऊ में अकबरनगर के बाद अब अबरारनगर, रहीमनगर और पंतनगर में अवैध निर्माण गिराने का अभियान चलेगा। सोमवार को एलडीए, जिला प्रशासन, सिंचाई विभाग और नगर निगम की संयुक्त टीम ने रहिमनगर में सर्वे किया। जिन मकानों को गिराया जाना है, उस पर लाल निशान लगाया। सिंचाई विभाग ने कहा है कि कुकरैल नदी के बहाव क्षेत्र के अलावा दोनों तरफ 50-50 मीटर तक हुए अवैध निर्माण को तोड़ा जाएगा। एलडीए वीसी ने बताया कि सोमवार से यहां सर्वे शुरू हो गया। सर्वे के बाद यहां बने लोगों के अवैध मकानों पर बुलडोजर चलेगा। पंतनगर में बड़ी संख्या में अपार्टमेंट और मकान बने हैं जिनका गिरना तय है।
टीम एरिया का नक्शा लेकर आई है और एक-एक गली में सर्वे किया जा रहा है। नाले को ऊपर किया कब्जा खुर्रमनगर से कुकरैल की तरफ जाने सड़क पर 50 मीटर बाद ही अबरारनगर का इलाका शुरू होता है। यहां नदी (जिसे अभी नाला कहा जाता है) की चौड़ाई 40 फीट से भी कम है। इसी के दोनों तरफ मकान बना लिए गए हैं। यहीं बीच से नाला भी गुजरता है, इसपर अतिक्रमण कर कई मकान बनाए गए हैं। अब मंगलवार को मशीनों के साथ फिर मैपिंग का काम होगा। लोगों की छत पर चढ़ कर टीम सर्वे कर रही है। नाले के बाईं तरफ करीब 1500 मीटर तक 50 मीटर की चौड़ाई में करीब 350 से ज्यादा मकान हैं, जिनका टूटना तय है।
जबकि दाईं तरफ भी 1500 मकान बनाए गए हैं। उस पर भी कार्रवाई की जा सकती है। नदी के किनारे कई नए आलीशान मकान भी बने हैं। 34 साल से भर रहे हाउस और वाटर टैक्स यहां रहने वाली सुमन श्रीवास्तव ने बताया कि वह लोग 34 साल से रह रहे हैं। हाउस टैक्स से लेकर वाटर टैक्स सब कुछ जमा कर रहे हैं। अब 34 साल बाद आकर अगर अचानक यह बता दिया जाए कि आपका मकान अवैध है तो किसी को भी परेशानी होगी। अब तक सरकारी विभाग के लोग क्या कर रहे थे। हमारे पास सारे कागज हैं वही जितेंद्र ने बताया कि मकान के सभी कागज उनके पास हैं। अगर सिंचाई विभाग की जमीन होगी तो उसका खसरा खतौनी नंबर तो उनके पास होगा ही वह दिखाएं। हम लोगों के पास सारे कागज मौजूद हैं।