लखनऊ में 1000 करोड़ का कारोबार : अक्टूबर में 50 फीसदी बढ़ी कारों की बिक्री

लखनऊ में अक्टूबर में 1000 करोड़ के कार कारोबार की संभावना जताई गई है। 50 फीसदी तक कारोबार बढ़ जाएगा एसआरएम टाटा मोटर्स के मालिक पीयूष अग्रवाल का कहना है- ‘अगर पिछले महीनों से तुलना करें तो कारोबार करीब 50 फीसदी बढ़ा है। सितंबर और अगस्त का महीना कारोबार के हिसाब से फीका ही रहता है। टाटा की गाड़ियों में सबसे ज्यादा डिमांड पंच और नेक्सॉन की है।’ इस त्योहार को ध्यान में रखते हुए कंपनियों ने अलग-अलग गाड़ियों पर 25 हजार से 2 लाख रुपए की छूट ऑफर की है। इसमें टियागो गाड़ी में करीब 30 हजार तो सफारी पर 2 लाख तक की छूट दी जा रही है। हालांकि जिस गाड़ी की डिमांड सबसे ज्यादा है,

उसमें छूट कम है। 15 सितंबर से 31 अक्टबूर तक कंपनियों की जारी रहेगी। ईवी की डिमांड 40 फीसदी तक बढ़ी इलेक्ट्रानिक गाड़ियों की डिमांड काफी तेजी से बढ़ी है। सरकार ने दोबारा ईवी गाड़ियों पर सब्सिडी बढ़ाई है, जिससे एक बार फिर से बाजार में उछाल है। टाटा की इलेक्ट्रानिक गाड़ियों में करीब 2 लाख तक की छूट मिल रही है। हालांकि इसके अलावा इन गाड़ियों की सर्विस से लेकर चार्जिंग भी आसान हुई है। सरकार की पहल पर बड़े-बड़े कार्यालय और सोसायटी में अब इलेक्ट्रानिक गाड़ियों के चार्जिंग प्वाइंट खुलने लगे हैं। ऐसे में लोगों के लिए गाड़ी को हैंडल करना आसान हो गया है। इसकी वजह से करीब 40 फीसदी की बढ़ोतरी आई है। मौजूदा समय अगर शहर में हर महीने 100 गाड़ियां बिक रही हैं, तो अब यह संख्या करीब 140 तक पहुंच गई है।

लखनऊ के बाजारों में इलेक्टॉनिक्स आइटम की डिमांड में भी बढ़ोतरी हुई है। 1000 करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद शहर में मौजूदा समय करीब छोटे-बड़े 100 से ज्यादा कार शोरूम हैं। इसमें मारुति, टाटा, हुंडई, महिंद्रा, कीया, स्कोडा, होंडा, निशान के अलावा ऑडी, बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज, जगुआर जैसे महंगी गाड़ी बेचने वाले ब्रांड भी शामिल हैं। उम्मीद जताई जा रही है, कि इस बार अक्टूबर के महीने में करीब 10 हजार से ज्यादा गाड़ियों की बिक्री होगी। ऐसे में एक गाड़ी अगर 10 लाख के हिसाब से बिकती है, तो 1000 करोड़ रुपए का कारोबार होने की उम्मीद है। मारुति की हिस्सेदारी इस बार भी सबसे ज्यादा कारों की बिक्री में इस बार भी मारुति की डिमांड सबसे ज्यादा है। बजाया जा रहा है कि करीब 40 फीसदी की हिस्सेदारी मारुति की होगी। इसके बाद टाटा, हुंडई, महिंद्रा, कीया और अन्य गाड़ियों का नंबर है।

लखनऊ में 8 लाख से 15 लाख रुपए के बीच की कारों की डिमांड सबसे ज्यादा है। 8 से 15 लाख कीमत वाली कारों की डिमांड सबसे ज्यादा गाड़ियों में 8 से 15 लाख के बीच वाली कारों की डिमांड सबसे ज्यादा है। इसलिए क्रेटा, ब्रेजा, नेक्सॉन, होंडा सिटी, आई-20, हुंडई वरना, टाटा पंच, कीया सेल्टास की डिमांड मार्केट में ज्यादा है। इन सभी गाड़ियों में कम से कम 8 से 15 सप्ताह तक की वेटिंग चल रही है। एसआरआम मोटर्स के जीएम सेल्स यज्ञ नारायण सिंह का कहना है कि ‘अब बुकिंग कराने पर हम गाड़ियों की डिलीवरी दिवाली पर नहीं कर पाएंगे। पहले से ही लोगों का काफी दबाव है। शादियों का सीजन भी शुरू होने वाला है। ऐसे में त्योहार बाद भी दबाव रहेगा। हमारी तरफ से कस्टमर को बता दिया जा रहा है, कि गाड़ी आने में समय लग सकता है।’

इलेक्ट्रॉनिक कारोबारियों का कहना है कि महंगा सामान ज्यादा बिक रहा है। अब जानते हैं इलेक्ट्रॉनिक मार्केट का हाल इलेक्ट्रॉनिक बाजार में देखा जाए तो पहले की तुलना में कस्टमर कम हैं। हालांकि अच्छी बात यह है कि जो भी कस्टमर हैं, वह महंगे सामान खरीदना चाहते हैं। अयोध्या रोड स्थित रूचि इलेक्ट्रॉनिक के मालिक नितिन अग्रवाल का कहना है कि इस बार अभी तक कस्टमर कम हैं। ऐसे में नंबर ऑफ प्रोडक्ट कम बिक सकते हैं। अच्छी बात यह है कि महंगा सामान खरीदने वाले लोग ज्यादा है। जैसे 32 और 42 की जगह इस बार 55 इंच की टीवी लेने वालों की संख्या बढ़ी है। सभी घरों में छोटी टीवी, छोटा फ्रीज पहले से मौजूद है। ऐसे में अब लोग इसमें ही बड़ा सामान ले रहे हैं।

इलेक्ट्रानिक की दुकानों पर बड़ी आइटम की डिमांड ज्यादा है। कैश वालों की खरीददारी कम हुई नाका व्यापार मंडल के अध्यक्ष पवन मनोचा का कहना है कि इस बार कैश वालों की खरीदारी कम हो रही है। नाका जैसे बाजार लोकल मार्केट में जिंदा है। उनकी स्थिति काफी खराब है। दरअसल, ग्रामीण अंचल और छोटे शहर वालों के पास पैसे कम बच रहे हैं। यह भी कह सकते हैं कि उनका मुनाफा घटा है। ऐसे में छोटे ब्रांड वाले दुकानदारों की स्थिति पहले की तुलना में ठीक नहीं है। यह भी पढ़ें रतन टाटा की 10 हजार करोड़ की वसीयत:शांतनु, रसोईए को हिस्सा, भाई-बहनों का भी नाम; पेटडॉग ‘टीटो’ को अनलिमिटेड केयर रतन टाटा का निधन 9 अक्टूबर को हुआ था। 15 दिन बाद उनकी वसीयत सामने आई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, वे 10 हजार करोड़ रुपए की वसीयत छोड़ गए हैं।उन्होंने अपनी संपत्ति में दोस्त और टाटा ट्रस्ट के सबसे युवा जनरल मैनेजर शांतनु नायडू, भाई जिम्मी टाटा, सौतेली बहन शिरीन और डिएना जीजीभॉय, हाउस स्टाफ और अन्य लोगों का जिक्र है। यहां तक कि उनकी वसीयत में पेटडॉग टीटो (Tito) की भी हिस्सेदारी है। टाटा ने वसीयत में स्टार्टअप गुडफैलो में अपनी कुछ हिस्सेदारी शांतनु के नाम की है। विदेशों में उनकी शिक्षा पर होने वाले खर्चों को भी शामिल किया है।