लता दी की याद में 2 दिन का राष्ट्रीय शोक- आधा झुका रहेगा तिरंगा

मुंबई (मानवीय सोच): स्वर कोकिला और मशहूर गायिका लता मंगेशकर का लंबी बीमारी के बाद रविवार सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। इस दुखद खबर के सामने आने के बाद देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। राजनीति, मनोरंजन और खेल जगत की तमाम हस्तियों ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है। भारत रत्न लता मंगेशकर का आज ही पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। यही नहीं, उनकी याद में दो दिवसीय राष्ट्रीय शोक भी मनाया जाएगा। सरकारी सूत्र ने जानकारी दी है कि लता मंगेशकर के सम्मान में दो दिनों तक राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।

लता मंगेशकर के निधन की खबर से देशभर में दुख पसर गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि लता दीदी ने अपने गीतों के जरिए विभिन्न भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने दशकों से भारतीय फिल्म जगत में आए बदलावों को नजदीक से देखा। फिल्मों से परे, वह भारत के विकास के लिए हमेशा उत्साही रहीं। वह हमेशा एक मजबूत और विकसित भारत देखना चाहती थीं। मोदी ने कहा कि मैं अपना दुख शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। दयालु और सबकी परवाह करने वाली लता दीदी हमें छोड़कर चली गईं। उनके निधन से देश में एक खालीपन पैदा गया है, जिसे भरा नहीं जा सकता। भावी पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति की पुरोधा के रूप में याद रखेंगी, जिनकी सुरीली आवाज में लोगों को मोहित करने की अद्वितीय क्षमता थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि मुझे लता दीदी से हमेशा बहुत स्नेह मिला। मैं उनके साथ की गई बातों को हमेशा याद रखूंगा। मैं और देशवासी लता दीदी के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं। मैंने उनके परिवार से बात की और अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। ओम शांति.’ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि लता जी का निधन मेरे लिए हृदयविदारक है, जैसा कि दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए है। उनके गीतों की विशाल श्रृंखला में, भारत के सार और सुंदरता को प्रस्तुत करते हुए, पीढ़ियों ने अपनी आंतरिक भावनाओं की अभिव्यक्ति पाई। उनकी उपलब्धियां अतुलनीय रहेंगी।

वहीं, गृहमंत्री अमित शाह ने लिखा कि सुर व संगीत की पूरक लता दीदी ने अपनी सुर साधना व मंत्रमुग्ध कर देने वाली वाणी से ना सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में हर पीढ़ी के जीवन को भारतीय संगीत की मिठास से सराबोर किया. संगीत जगत में उनके योगदान को शब्दों में पिरोना संभव नहीं है। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। मैं खुद को सौभाग्यशाली समझता हूं कि समय-समय पर मुझे लता दीदी का स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त होता रहा। अपने अतुलनीय देशप्रेम, मधुर वाणी और सौम्यता से वो सदैव हमारे बीच रहेंगी। उनके परिजनों व असंख्य प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।

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