वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ एकजुट हुए मुस्लिम संगठन

1985 में शाहबानो प्रकरण के बाद यह दूसरा मौका है, जब देश के सभी मुस्लिम संगठनों ने  एकजुटता दिखाते हुए वक्फ संशोधन बिल का विरोध किया है। लोकसभा में विपक्ष के भारी विरोध के बाद बिल को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया गया है। ऐसे में जेपीसी पर दबाव बनाने के लिए शनिवार को मुंबई में रैली के बाद 3 सितंबर को लखनऊ में जुटने की घोषणा की गई है।

बिल के विरोध में देश भर में अभियान चलाने का भी फैसला लिया गया है। वक्फ संशोधन बिल पर गठित जेपीसी में सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष के भी सांसद शामिल हैं। इसे देखते हुए आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीअत उलमा हिंद, आल इंडिया मुस्लिम मजलिस मुशावरत, जमाअत इस्लामी हिंद समेत कई मुस्लिम संगठनों ने एक प्लेटफार्म पर आकर जेपीसी तक अपनी आपत्ति बुलंद करने का फैसला लिया है। 

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य, आल इंडिया मुस्लिम मजलिस मुशावरत के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. मोहम्मद सुलेमान ने कानपुर में अमृत विचार से बातचीत में कहा कि जेपीसी में विपक्षी सांसद भी हैं, ऐसे में वक्फ संशोधन बिल पर उनकी क्या सोच है, उजागर हो जाएगा। सभी मुस्लिम संगठनों की सिर्फ एक मांग है कि यह बिल वापस हो। यह प्रधानमंत्री मोदी के सबका साथ, सबका विकास के खिलाफ है।