नई दिल्ली (मानवीय सोच) : देश में तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन वैरिएंट के प्रसार को रोकने के लिए भारत सरकार ने प्रतिबंध और भी कड़े कर दिए हैं। देश में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने गत शुक्रवार को दिशा-निर्देशों में संशोधन करते हुए सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए 7 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन को अनिवार्य किया था। जो आज से लागू हो गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस संबंध में बयान जारी करते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए गए हैं, जिससे कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण को रोका जा सके। भारत आगमन के आठवें दिन उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाएगा। इसके बाद रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही उन्हें कहीं आने-जाने की छूट है। वहीं पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को इस नियम से छूट दी गई है। अगर उनमें कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाते हैं, तभी उनका टेस्ट किया जाएगा।
आदेश में कहा गया है कि विदेश से आने वाले यात्रियों को आठवें दिन की गई कोरोना जांच की रिपोर्ट को एयर सुविधा पोर्टल पर अपलोड करना होगा, जिससे संबंधित राज्य यात्री पर निगरानी रख सके। आगे कहा गया है कि अगर रिपोर्ट निगेटिव आती है तो यात्री सात दिन तक अपने स्वास्थ्य की निगरानी करेंगे और लक्षणों की जांच करेंगे। वहीं पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर यात्री के सैंपल को जीनोम सिक्वेसिंग के लिए भेजा जाएगा।
भारत ने कई देशों को एट रिस्क सूची में रखा है। यहां से आने वाले यात्रियों को एयरपोर्ट पर कोरोना जांच करानी होगी। एयरपोर्ट से बाहर जाने या फिर कनेक्टिंग फ्लाइट लेने के लिए उन्हें कोरोना जांच की रिपोर्ट का इंतजार करना होगा।