नई दिल्ली (मानवीय सोच)- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल देश का आम बजट पेश करेंगी और उससे पहले आज उन्होंने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। इस सर्वेक्षण से 1 अप्रैल, 2022 से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार के बजट से पहले अर्थव्यवस्था की स्थिति का विवरण दिया गया है। यह 2022-23 वित्तीय वर्ष (अप्रैल 2022 से मार्च 2023) में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 8 से 8.5 प्रतिशत की विकास दर का अनुमान लगाता है। इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार 2022-23 में 8-8.5% की GDP ग्रोथ (आर्थिक वृद्धि दर) का अनुमान लगाया गया है। इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि वैक्सीन कवरेज और सप्लाई साइड रिफॉर्म से ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा। सरकार का GDP अनुमान इस बात पर आधारित है कि आगे महामारी से कोई आर्थिक गतिविधि प्रभावित नहीं होगी और मानसून भी सामान्य रहेगा। इसका मतलब है कि अगर मानसून या महामारी का कोई प्रभाव आता है तो जीडीपी घट सकती है। वित्त वर्ष 2021-22 की इस आर्थिक समीक्षा में यह पता चलेगा कि कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर के बीच देश ने किस तरह से तरक्की की। इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार 2022-23 में 8-8.5% की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है। ये चालू वित्त वर्ष के 9.2% के ग्रोथ अनुमान से कम है। समीक्षा में कहा गया कि महामारी से आने वाले समय में अर्थव्यवस्था पर कोई नकारात्मक असर नहीं होगा, यह मानते हुए ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया गया है।