एक परिवार एक पहचान’ को लेकर सीएम योगी ने अधिकारियों संग की बैठक

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को ‘फैमिली आई.डी.- एक परिवार एक पहचान’ को लेकर अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस दौरान उनिहोंने प्रदेश की प्रत्येक परिवार इकाई को जारी की जा रही ‘परिवार आईडी’ प्रक्रिया की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की और इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ सभी परिवारों को उपलब्ध कराए जाने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए प्रमुख दिशा-निर्देश

● हर परिवार को सरकार की योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराने तथा प्रत्येक परिवार के न्यूनतम एक सदस्य को रोजगार-सेवायोजन से जोड़ने के संकल्प के क्रम में प्रदेश मे परिवार आईडी जारी की जा रही है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में निवासरत लगभग 3.60 करोड़ परिवार के 15.07 करोड़ लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ पा रहे हैं। इन परिवारों की राशनकार्ड संख्या ही फैमिली आईडी है। जबकि 01 लाख से अधिक गैर राशन कार्ड धारकों को फैमिली आईडी जारी की जा चुकी है। परिवार जो कि राशन कार्ड धारक नहीं है, उनके लिए https://familyid.up.gov.in पर पंजीयन कर परिवार आईडी प्राप्त करने की व्यवस्था है। इस योजना का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार किया जाए। प्रदेश का कोई भी परिवार इससे वंचित न रहे। 

● एक परिवार-एक पहचान योजना के तहत प्रत्येक परिवार को एक विशिष्ट पहचान जारी किया जा रहा है, जिससे राज्य की परिवार इकाइयों का एक लाइव व्यापक डेटाबेस स्थापित होगा। यह डेटाबेस लाभार्थीपरक योजनाओं के बेहतर प्रबंधन, समयबद्ध लक्ष्यीकरण, पारदर्शी संचालन एवं योजना का शत-प्रतिशत लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाने और आम जनता को सरकारी सुविधाओं का लाभ उपलब्ध कराने की व्यवस्था के सरलीकरण में सहायक होगा। 

● परिवार आईडी प्रदेश के सभी परिवारों के लिए है। 25 करोड़ जनता को इसका लाभ मिलना चाहिए। परिवार आईडी के माध्यम से प्राप्त एकीकृत डेटाबेस के आधार पर रोजगार से वंचित परिवारों का चिन्हांकन कर उन्हें रोजगार के समुचित अवसर प्राथमिकता पर उपलब्ध कराए जा सकेंगे। 

● केंद्र व राज्य सरकार संचालित 76 योजनाओं/सेवाओं को फैमिली आईडी से लिंक किया जा चुका है। अवशेष सभी लाभार्थीपरक योजनाओं को परिवार आईडी से लिंकेज किया जाए। केन्द्र सरकार के सहयोग से संचालित समस्त योजनाओं का डेटाबेस प्राप्त कर उसे परिवार कल्याण पास बुक एवं फैमिली आईडी से जोड़ा जाना चाहिए।

● सभी लाभार्थीपरक (DBT) योजनाओं/सेवाओं के ऑनलाइन आवेदन में आधार आवेदन एवं आधार अधिप्रमाणन अनिवार्य किया जाना चाहिए। इस तरह फैमिली आईडी का कवरेज बढ़ाने में सहायता मिलेगी। 

● आईटीआई, पॉलिटेक्निक एवं अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में नए प्रवेश के समय आधार ऑथेंटिकेशन कराएं, तदोपरान्त परिवार आईडी से लिंकेज किया जाए।

● जाति और आय प्रमाण पत्र जारी करने में अनावश्यक देरी न हो। इस प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए। 

● हर एक परिवार को मिल रहे शासकीय योजनाओं के लाभ का पूरा विवरण दर्शाते हुए परिवार का पासबुक भी तैयार कराया जाए। पास-बुक और परिवार आईडी जारी करने से पूर्व परिवार के संबंध में सभी जानकारी को विधिवत प्रमाणित किया जाए। सभी संबंधित विभाग इसमें सहयोग करें।

बता दें कि एक परिवार-एक पहचान योजना के तहत राज्य की परिवार इकाइयों का एक लाइव व्यापक डेटाबेस स्थापित होगा। इसे लेकर प्राप्त 78 हजार आवेदनों में से 33 हजार से अधिक आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं।