कानपुर के इन दो थानों की लापरवाही ने गिरा दी पुलिस की रैंकिंग

कानपुर कमिश्नरेट के थाना अरौल और नौबस्ता की जरा सी लापरवाही ने कमिश्नरेट की रैंकिंग गिरा दी है। शासन की ओर से पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर नवंबर माह की रैंकिग जारी हुई। इसमें कमिश्नरेट को 50 वां स्थान मिला है। उसे 125 में से 124 अंक प्राप्त हुए हैं। डीसीपी पश्चिम राजेश सिंह ने कहा कि अरौल और नौबस्ता थानों की दूरी ज्यादा है। इसके चलते इनके वादों के निस्तारण में दिक्कत आती है।

आईजीआरएस और हेल्पलाइन के तहत हुई शिकायतों में से एक तय समय सीमा में निस्तारित न होने के चलते डिफॉल्टर हो गई थी। वहीं, नवंबर में 1402 मामलों में फीड बैक लिया गया। इसमें से 957 में असंतोषजनक फीड बैक मिला था। उच्चाधिकरियों ने 955 को फीड बैक पर काम कर लिया, जबकि दो शेष रह गए। इसका नुकसान भी रैंकिंग को उठाना पड़ा।  रैंकिंग के मामले में कमिश्नरेट अगस्त में 69 वें, सितंबर में 52 वीं और अक्तूबर में पहले नंबर पर था।

वहीं कानपुर जोन की भी नवंबर की रैंकिंग जारी हुई। जिसमें प्रदेश स्तर पर प्रथम रैंक प्राप्त हुई है। कानपुर जोन के मूल्यांकन किए जा रहे कुल 139 थानों में से 125 थानों ने प्रथम रैंक प्राप्त कर अभूतपूर्व प्रदर्शन किया। इसके अतिरिक्त वर्ष 2024 में जारी 08 माह की रैकिंग में कानपुर जोन को 07 बार प्रथम रैंक प्राप्त हुई है, जो जनसुनवाई के प्रति शासन की मंशा के अनुरूप कानपुर जोन पुलिस के बेहतर कार्य प्रणाली को प्रदर्शित करता है।