काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के भवन किराए पर भी मिलेंगे, देवालय शुल्क में होगी वृद्धि

वाराणसी (मानवीय सोच) काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में बने मल्टीपरपज सभागार सहित अन्य खुले स्थानों को निजी आयोजनों के लिए किराये पर भी दिया जाएगा। मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता में विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद की बैठक में इस पर फैसला लिया गया है। बैठक में किराया निर्धारित करने पर विचार भी हुआ।

काशी विश्वनाथ मन्दिर न्यास परिषद की 102वीं बैठक विश्वनाथ धाम के न्यास सभागार में अध्यक्ष प्रो. नागेन्द्र पांडेय की अध्यक्षता में हुई। इसमें ज्यादातर पुराने कार्यों का अनुमोदन हुआ। वहीं, आय-व्यय का बजट पेश किया गया। मंदिर के कर्मचारियों, पुजारियों व सेवादारों की सेवा नियमावली तैयार करने और मंदिर के देवालय शुल्क में वृद्धि के लिए दो समिति गठित करने का निर्णय हुआ।

शुल्क वृद्धि के लिए गठित समिति में मंदिर के एसीईओ, ओएसडी व अध्यक्ष की ओर से नामित दो सदस्य जबकि सेवा नियमावली से संबंधित समिति में अपर निदेशक कोषागार पेंशन राजकुमार शुक्ल, एसीईओ व अध्यक्ष की ओर से नामित दो सदस्य होंगे। अध्यक्ष ने निर्देश दिया कि समिति अगली बैठक में प्रस्ताव रखेगी।

मंडलायुक्त ने बताया कि बैठक में वित्तीय वर्ष 2019-2020, 2020-2021 व 2021-2022 के बजट व अनुपूरक बजट का अनुमोदन हुआ। पूर्व में हुए विभिन्न कार्यों के लिए न्यास निधि से पांच लाख रुपये से अधिक निकाली गयी धनराशि के अलावा अन्नक्षेत्र निर्माण, दुकानदारों-किराएदारों सहित कॉरिडोर के मलबा के निस्तारण में लगी धनराशि पर सहमति ली गयी।

कोरोना मरीजों के उपचार के लिए दवा व उपकरण पर खर्च 64 लाख 31 हजार 648 रुपये व जरूरतमंदों के लिए भोजन वितरण पर व्यय राशि को भी पास कराया गया। सेठ नंदरामका भिवानीवाला चैरिटेबल ट्रस्ट से हौज कटोरा बांसफाटक स्थित अतिथि भवन की खरीद पर लगने वाले स्टाम्प व रजिस्ट्री शुल्क की स्वीकृति ली गयी। इसके साथ ही बेनीपुर स्थित संकटहरण हनुमान मन्दिर के सुन्दरीकरण व टेढ़ीनाम स्थित अन्नक्षेत्र ‘शिव की रसोई’ का अनुमोदन लिया गया।

इस मौके पर काशी नरेश के परिवार के कुंवर अनन्त नारायण सिंह व शृंगेरी के जगद्गुरु शंकराचार्य के प्रतिनिधि, मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल, सम्पूर्णानंद संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी, प्रो. चन्द्रमौलि उपाध्याय, पं. प्रसाद दीक्षित, प्रो. बृजभूषण ओझा, पं. दीपक मालवीय, के. वेंकटरमण घनपाठी आदि रहे।

 

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