नई दिल्ली (मानवीय सोच) देश भर के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में लगभग 5.3 लाख पद खाली पड़े हैं। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में ये जानकारी दी। राय ने देश भर के पुलिस थानों में खाली पड़े पदों को लेकर इंडिया जननायगा काची के सांसद डॉ. टी.आर.परिवेंद्र के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में ये बात कही।
गृह राज्य मंत्री राय ने अपने जवाब में कहा कि पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) द्वारा संकलित पुलिस संगठनों के आंकड़ों के अनुसार, पुलिस की स्वीकृत संख्या 26,23,225 है, लेकिन वास्तविक संख्या 20,91,488 है और 1 जनवरी, 2020 तक 5,31,737 पद खाली पड़े हैं।
इन रिक्तियों को भरने के लिए सरकार द्वारा की गई कार्रवाई और इन सभी रिक्त पदों को कब तक भरे जाने की संभावना है, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने जवाब दिया कि “पुलिस” भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची- II (राज्य सूची) में आने वाला एक राज्य विषय है।
उन्होंने कहा, “मुख्य रूप से यह राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे अपने-अपने राज्यों में पुलिस बल में रिक्तियों को भरें।” उन्होंने कहा कि केंद्र राज्यों में इन रिक्तियों को भरने और लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए पुलिस प्रशासन में अपेक्षित सुधार लाने के लिए राज्यों को परामर्श भी जारी करता है।
उन्होंने बताया, “राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में बीआरपीएंडडी के अनुसार पुलिस की स्वीकृत और वास्तविक संख्या की सूची में, राज्य नागालैंड को छोड़कर, जिसमें स्वीकृत संख्या से 1375 अधिक पुलिसकर्मी हैं, बाकी राज्यों में उनकी स्वीकृत संख्या से कम है। यूपी में एक लाख से अधिक रिक्तियां हैं। पश्चिम बंगाल में 55,294 और बिहार में 47,099 पद खाली हैं।”