वाराणसी (मानवीय सोच) ज्ञानवापी मस्जिद में शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच नमाज पढ़ी गई। ज्ञानवापी प्रकरण के बाद से हर शुक्रवार को नमाजियों बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस-प्रशासन आज अलर्ट रहा। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की अपील का असर भी नजर आया। पिछले शुक्रवार के मुकाबले आज नमाजियों की संख्या कम रही। नमाज अदा करने के बाद लोग-बारी से काशी विश्वनाथ धाम के बाहर से निकले। बांसफाटक और मणिकर्णिका द्वार से पहले मीडिया के आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
मैदागिन-गोदौलिया मार्ग पर आम वाहनों का आवागमन बंद रहा। केवल पैदल लोगों को आने-जाने दिया गया। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम और ज्ञानवापी मस्जिद के चारों तरफ कई स्तर की सुरक्षा व्यवस्था रही। परिसर के बाहर करीब एक किलोमीटर के दायरे में पुलिस और पीएसी के हजार से ज्यादा जवानों को तैनात किया गया।
एक बजे के बाद होने वाली नमाज के लिए दोपहर साढ़े 12 बजे से ही नमाजियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। दोपहर एक बजे नमाज के लिए मुफ्ती बनारस अब्दुल बातिन नोमानी ज्ञानवापी पहुंचे और व्यवस्था का जायजा लेने के बाद नमाज की प्रक्रिया शुरू कराई। पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश खुद सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभालते हुए दिखाई दिए। उन्होंने अधिकारियों और फोर्स के साथ क्षेत्र में गश्त किया। उसके बाद दशाश्वमेध थाने का औचक निरीक्षण किया।
अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने की थी अपील
इससे पहले अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने नमाजियों से अपील की थी कि ज्ञानवापी का मुद्दा इस वक्त स्थानीय अदालत के साथ-साथ हाईकोर्ट में भी चल रहा है। यहां की अदालत ने मस्जिद के वजू खाने और इस्तिंजाखाने को सील कर दिया है। संयुक्त सचिव ने कहा कि इस मसले के हल के लिए हर मुमकिन कोशिश जारी है। अल्लाह करें जल्द ही इस परेशानी का हल निकल आए। कहा कि वजूखाना और इस्तिंजाखाना (शौचालय) सील हो जाने से नमाजे पंजगाना में वजू और इस्तिंजा की दिक्कत पेश आ रही है। जुमा में नमाजियों की तादाद ज्यादा रहती है। इसलिए दिक्कत ज्यादा होगी।
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