अहमदाबाद (मानवीय सोच) कांग्रेस ने 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देते हुए 77 सीटें हासिल की थी, जबकि भाजपा लंबे समय बाद 100 सीटों से कम पर ही ठहर गई थी। भले ही कांग्रेस सत्ता तक नहीं पहुंच पाई थी, लेकिन राहुल गांधी की लीडरशिप में उसने एक छाप जरूर छोड़ी थी। ऐसे में माना जा रहा था कि 2022 में वह कड़ी टक्कर दे सकती है, लेकिन चुनाव के नजदीक आते ही उसकी स्थिति कमजोर होती नजर आ रही है। 2017 से अब तक 13 पूर्व और मौजूदा विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं। इसके अलावा हार्दिक पटेल जैसे नेता पर भी भाजपा की नजर है। इन हालातों ने एक बार फिर से कांग्रेस को 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले की स्थिति में ला दिया है, जब भाजपा को घेरने के बाद भी वह फिसल गई थी।
कांग्रेस को 2017 में 15 विधायकों के पलायन का सामना करना पड़ा था। इन नेताओं में दिग्गज लीडर शंकर सिंह वाघेला भी शामिल थे, जो सूबे के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। यही नहीं अहमद पटेल को अपनी राज्यसभा सीट के लिए बेहद कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ा था, हालांकि वह करीबी अंतर से जीतने में कामयाब रहे थे। भले ही उस दौरान वाघेला ने भाजपा जॉइन नहीं की थी, लेकिन अन्य 14 विधायक भगवा दल में शामिल हो गए थे। कहा जा रहा है कि इस बार यह संख्या और अधिक भी हो सकती है। भाजपा के एक सीनियर नेता का कहना है कि आने वाले दिनों में कई और विधायक कांग्रेस छोड़कर पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
बता दें कि 2017 के बाद पहला झटका कांग्रेस को तब लगा था, जब 5 विधायकों ने कांग्रेस छोड़ दी थी। इसके अलावा दो विधायकों का निधन हो गया था और फिर 7 सीटों पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें भाजपा को 4 और कांग्रेस को 3 पर जीत मिली है। इनमें से एक ओबीसी विधायक अल्पेश ठाकोर ने भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन लिया था, लेकिन राधनपुर सीट पर हुए उपचुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उनके मुकाबले कांग्रेस के रघु देसाई को जीत मिल गई थी। हालांकि 2020 में भाजपा के नए बने प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल के नेतृत्व में 8 सीटों पर उपचुनाव हुआ था, जिनमें से सभी पर भाजपा को जीत मिली थी। इस तरह भाजपा की फिलहाल विधानसभा में संख्या 111 है।
अहमदाबाद स्थित अच्युत याग्निक ने कांग्रेस की स्थिति को लेकर कहा, ‘कांग्रेस लगातार कमजोर होती दिख रही है। लीडरशिप की ओर से जरूरी ऐक्शन नहीं लिया जा रहा है। खासतौर पर राज्य स्तर पर स्थिति ठीक नहीं है। भाजपा का जमीन पर मजबूत संगठन है और उसे आरएसएस की ओर से भी ग्राउंड पर अच्छा सपोर्ट मिलता रहा है। कांग्रेस का किसी जमाने में सेवा दल नाम का संगठन था, लेकिन अब वह उस तरह से ऐक्टिव ही नहीं है।’ याग्निक ने कहा कि भाजपा सत्ता में है और कांग्रेस छोड़कर आने वाले नेताओं को भरोसा है कि वह लंबे समय तक सत्ता में रहेगी।