जमीयत-उलेमा-ए-हिंद का आरोप : ‘BJP सरकार संरक्षण में घोला जा रहा है जहर

लखनऊ (मानवीय सोच) देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत-उलेमा-ए-हिंदी ने कथित तौर पर मुल्क में बढ़ती साम्प्रदायिकता पर चिंता व्यक्त की और कहा कि सभाओं में अल्पसख्यकों के खिलाफ कटुता फैलाने वाली बातें की जा रही हैं लेकिन सरकार ने इस ओर आंखें मूंदी हुई हैं।

मुस्लिम संगठन ने यह भी आरोप लगाया कि देश के बहुसंख्यक समुदाय के दिमाग में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार के ”संरक्षण में ज़हर घोला जा रहा है”।  जमीयत ने दावा किया कि छद्म राष्ट्रवाद के नाम पर राष्ट्र की एकता को तोड़ा जा रहा है, जो ना सिर्फ मुसलमानों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए बेहद ख़़तरनाक है।

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की मज्लिसे मुंतज़िमा (प्रबंधक समिति) की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें केंद्र सरकार से उन तत्वों पर और ऐसी गतिविधियों पर तुरंत रोक लगाने का आग्रह किया गया है जो लोकतंत्र, न्यायप्रियता और नागरिकों के बीच समानता के सिद्धांतों के खि़लाफ़ हैं और इस्लाम तथा मुसलमानों के प्रति कटुता फैलाती हैं।

 

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