नई दिल्ली : (मानवीय सोच) सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सोशल एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को रेगुलर जमानत दे दी। साथ ही उन्हें गोधराकांड के बाद हुए दंगों के गवाहों को प्रभावित नहीं करने का आदेश दिया है।
जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने गुजरात हाईकोर्ट के एक जुलाई के उस आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें तीस्ता को 1 जुलाई को सरेंडर करने को कहा गया था। कोर्ट ने कहा कि मामले में तीस्ता के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया जा चुका है।
इसलिए हिरासत में पूछताछ की जरूरत नहीं है। तीस्ता सीतलवाड़ पर साल 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए फर्जी सबूत गढ़ने का आरोप है।
कोर्ट में सरेंडर किया गया तीस्ता का पासपोर्ट सेशन कोर्ट में ही जमा रहेगा। कोर्ट ने गुजरात पुलिस को छूट दी है कि कहीं भी गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की जाए तो सीधे सुप्रीम कोर्ट आएं।