# पशु आहार घोषित नमकीन की इंसानों के लिए बिक्री मामले में सरकार पर 50000 का जुर्माना

प्रयागराज : (मानवीय सोच) नामी कंपनियों की पशु आहार घोषित नमकीन की दोबारा पैकिंग करके स्थानीय बाजार में खपाने के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। वर्ष 2020 में में प्रकाशित इस खबर का हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति समित गोपाल की पीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया था। यह फैसला मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाक और न्यायमूर्ति समित गोपाल की खंडपीठ ने सुनाया।

ब्रह्मपुरा स्थित कारखाने पर छापेमारी में करीब ढाई क्विंटल से ज्यादा घटिया नमकीन नष्ट कराई गई थी। दरअसल, नामी कंपनियां जरा-सी खामी मिलने पर नमकीन को रिजेक्ट करके पशु आहार के लिए नीलाम करती हैं। मिलावटखोर इस नमकीन को नीलामी के दौरान सस्ते में खरीदकर सस्ते में ही खुले या दोबारा पैक करके बेचा करते थे। बरेली में हर दिन 100 टन की खपत होती थी। कोर्ट ने जनस्वास्थ्य के साथ हो रहे इस खतरनाक खेल को गंभीर मानते हुए अफसरों से जानकारी मांगी थी।