लखनऊ (मानवीय सोच) सेना में 4 साल अवधि की संविदा भर्ती की अग्नि पथ स्कीम के विरोध में युवाओं का देशव्यापी विरोध जारी है। पूर्व सैन्य अधिकारी भी इस स्कीम के औचित्य पर सवाल खड़े कर रहे हैं। युवा मंच का मत है कि इस तरह की स्कीम युवाओं के साथ मजाक है, युवाओं की मांगें पूरी तरह से वाजिब हैं और सरकार को चाहिए कि तत्काल पुनर्विचार कर इसे वापस ले और सेना में रिक्त पड़े पदों पर पूर्व की भांति चयन प्रक्रिया शुरू करे। इस बाबत युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ट्वीट भी किया है। उन्होंने कहा कि दरअसल देशव्यापी विरोध और आलोचना के मद्देनजर केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों, कुछेक राज्यों व कारपोरेट कंपनियों द्वारा संविदा खत्म होने के बाद युवाओं को नौकरी में प्राथमिकता देने की घोषणा से मुख्य प्रश्न से ध्यान हटाने की कवायद भर है। इससे युवा अच्छी तरह वाकिफ हैं इसलिए इन तमाम घोषणाओं से युवा संतुष्ट नहीं हैं। क्योंकि उन्हें मालूम है कि भयावह बेकारी के इस दौर में इस सबके बाद भी उनके भविष्य के असुरक्षित होने का खतरा बरकरार रहेगा। युवा मंच ने दिल्ली में अग्नि पथ स्कीम के मुद्दे पर शांतिपूर्ण ढ़ंग से प्रदर्शन कर रहे युवा हल्ला बोल के पदाधिकारियों की गिरफ्तारी की निंदा की है।युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने कहा मोदी सरकार की नीतियों से देश में बेकारी की भयावह स्थिति पैदा हुई है। रोजगार सृजन तो ठप्प है ही बल्कि केंद्र सरकार, राज्यों समेत सार्वजनिक व अनुदानित संस्थाओं में रिक्त पड़े 60 लाख पदों को भी नहीं भरा जा रहा है। रोजगार के भयावह हो रहे संकट को हल करने के लिए ठोस कदम उठाने के बजाय महज बयानबाजी की जा रही है।बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर जिस तरह रिकॉर्ड बेकारी है उससे अलग स्थिति उत्तर प्रदेश की नहीं है भले योगी सरकार दावा जो करे। यहां खुद मुख्यमंत्री द्वारा ऐडेड माध्यमिक विद्यालयों में 27 हजार पदों की घोषणा हो या अन्य सभी विभागों में रिक्त पदों को भरने का ऐलान हो, अब इन पदों को भरने से सरकार इंकार कर रही है। इस संबंध में युवा मंच 20 जून को ईको गार्डन में प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर प्रदेश में रिक्त पदों पर चयन प्रक्रिया शुरू करने की अपील करेगा।
