पीसीएफ से शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य की विदाई की तैयारी

लखनऊ (मानवीय सोच) सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से बढ़ती राजनीतिक तल्खी के बीच प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव को प्रादेशिक को-ऑपरेटिव फैडरेशन (पीसीएफ) के सभापति से पद से हटाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। राज्य सहकारी समिति निर्वाचन आयोग ने पीसीएफ की प्रबंध समिति और सभापति चुनाव के लिए कार्यक्रम जारी कर दिया है।

आदित्य यादव दिसंबर 2016 में पीसीएफ के निर्विरोध सभापति निर्वाचित हुए थे। उनका कार्यकाल 2021 में समाप्त हो गया था, लेकिन उच्च न्यायालय ने आदित्य की याचिका पर फैसला सुनाते हुए पीसीएफ सभापति का चुनाव न होने तक उन्हें सभापति रखने का आदेश जारी किया। पीसीएफ को छोड़कर सभी सहकारी संस्थाओं में सभापति, उप सभापति और प्रबंध समिति के सदस्य पद पर भाजपा के कार्यकर्ता काबिज हैं।

प्रदेश सरकार ने अब पीसीएफ को भी सपा के कब्जे से मुक्त कराने की तैयारी शुरू की है। पीसीएफ की 15 सदस्यीय प्रबंध समिति और सभापति के चुनाव का कार्यक्रम जारी हो गया है। सदस्यों का चुनाव 13 और सभापति का 14 जून को होगा। प्रबंध समिति के सदस्यों का चुनाव विभिन्न सहकारी संस्थाओं से नामित प्रतिनिधि करेंगे। अधिकांश प्रतिनिधि भाजपा से हैं इसलिए प्रबंध समिति में भाजपा को बहुमत मिलना तय है। प्रबंध समिति के सदस्यों की ओर से सभापति का चुनाव किया जाएगा।

ऐसे में सभापति की कुर्सी पर भी भाजपा के काबिज होने की संभावना है। हालांकि शिवपाल को सहकारिता का दिग्गज माना जाता है। वह अपने बेटे की कुर्सी बचाने का हर संभव प्रयास करेंगे। उधर, भाजपा की ओर से पीसीएफ चुनाव की कमान सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर खुद संभाल रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और राठौर ने बीते दिनों पीसीएफ चुनाव को लेकर रणनीति भी तैयार की है।

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