प्रयागराज (मानवीय सोच) कॉन्वेंट स्कूलों के छात्रों की हरकतें हर अभिभावक के लिए खतरे की घंटी है। यहां के नामी कॉन्वेंट स्कूलों के छात्र आपस में ग्रुप बनाकर भौकाल के लिए बमबाजी करते पकड़े गए हैं। दस छात्रों को पुलिस ने पकड़कर जेल (बाल सुधार गृह) भेज दिया है। इन छात्रों की न तो किसी से दुश्मनी थी और न ही किसी को मारना चाहते थे। अगर किसी ने मारपीट की तो बस अपनी पॉवर दिखाने के लिए सुतली बम फोड़कर भौकाल दिखाते थे।
ब्वायज हाईस्कूल, बिशप जॉनसन, महर्षि पतंजलि के गेट पर बमबाजी करके इन छात्रों ने सनसनी फैलाई थी। सिविल लाइंस पुलिस ने इंटरमीडिएट पास हुए एक छात्र के अलावा 10 नाबालिग छात्रों को पकड़ा है। पकड़े गए सभी छात्र इंस्टाग्राम पर बने इम्मोर्टल ग्रुप से जुड़े हैं। इनके गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।
एसएसपी शैलेष पांडेय ने बताया कि 22 मई को बिशप जॉनसेन इंटर कॉलेज के गेट के पास बमबाजी हुई थी। इसके बाद चार जुलाई को बड़े हनुमान मंदिर के पास बम फोड़े गए थे। 15 जुलाई को महर्षि पतंजलि स्कूल के गेट और 16 जुलाई को ऋषिकुलम विद्यालय के गेट के पास बम चलाए गए थे। 22 जुलाई को बीएचएस गेट पर बम फोड़कर छात्र भाग निकले थे।
25 जुलाई को एक बार फिर बिशप जॉनसन स्कूल के गेट पर स्कूटी सवार तीन छात्रों ने दहशत फैलाने के लिए बम चलाया। उस वक्त पुलिस को तुरंत ही जानकारी मिल गई। पुलिस ने स्कूटी सवार तीनों छात्रों को पकड़ लिया। बेली कॉलोनी के पास रहने वाले धंनजय मिश्र का बेटा सुधांशु मिश्र और दो नाबालिग पकड़े गए थे। सुधांशु इसी साल इंटरमीडिएट पास हुआ है। उसे 53 प्रतिशत अंक मिले हैं।
पुलिस ने बताया कि स्कूटी सवार सुधांशु सिविल लाइंस और तेलियरगंज में हुई बमबाजी में शामिल था। इसी गैंग से जुड़े अन्य लड़कों ने संगम के पास भी बम फोड़ा था। पकड़े गए तीनों से पूछताछ कर पुलिस ने कुल 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी ने बताया कि नाबालिगों का किन लोगों से संपर्क है, कहीं आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से तो नहीं जुड़े हैं, इसकी जांच की जा रही है। बमबाजी करने वालों पर एनएसए की कार्रवाई की जाएगी।
क्यों बना इम्मोर्टल ग्रुप
पुलिस ने पूछताछ के बाद खुलासा किया विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने 2016 में जगुआर नाम से एक ग्रुप बनाया था। इस ग्रुप के लड़के मारपीट कर छात्रों से वसूली करते थे। इस ग्रुप को नीचा दिखाने के लिए बीएचएस और बीजेएस के छात्रों ने इम्मोर्टल ग्रुप बनाया।
पहले इस ग्रुप में 40 लड़के थे। छुट्टी होने के बाद धोबीघाट के पास एकत्र होकर मस्ती करते थे। मारपीट हुई तो उसका वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम पर अपलोड कर देते थे। इस ग्रुप को टक्कर देने के लिए कुछ छात्रों ने तांडव ग्रुप बनाया। बिशप जॉनसन स्कूल के बाहर इन्हीं दोनों ग्रुप में टशन होने पर बमबाजी हुई थी।
पहले पब्जी की आईडी बनाकर बेचे थे रुपये
एएसपी अभिषेक भारती ने बताया कि कुछ साल पहले तक इन ग्रुपों से जुड़े लड़के वसूली भी करते थे। कुछ लड़के पब्जी की आईडी बनाकर ऑनलाइन यूजर को बेचते थे और बदले में उन्हें आठ हजार रुपये मिलता था। पुलिस ने बताया कि तांडव ग्रुप के लड़के एक साल से सक्रिय है। ये बैरहना, रामबाग, अल्लापुर और कीडगंज के रहने वाले हैं।
पुलिस बोली, अभिभावक भी जिम्मेदार
शहर के नामचीन स्कूलों में बच्चों का दाखिला कराने के बाद उन्हें स्वतंत्र छोड़ देना और उनकी हरकतों की निगरानी न करने से कई छात्र आज बमबाजी कर रहे हैं। इन बच्चों के बिगड़ने में छात्रों से ज्यादा पुलिस को उनके अभिभावकों को जिम्मेदार मान रही है। संवादहीनता, माता-पिता से दूर होना, ऐसे छात्रों के बिगड़ने की एक बड़ी वजह सामने आई है।
एसपी सिटी दिनेश सिंह ने बताया कि शहर में बमबाजी कर सनसनी फैलाने वाले छात्रों का मकसद किसी को चोटिल करना नहीं था। सभी छात्र अच्छे घरों से संबंध रखते हैं। किसी के पिता वकील तो किसी के व्यापारी तो कोई अफसर का बेटा है। ठेकेदार के बेटे भी बमबाजी में पकड़े गए हैं। इन बच्चों से गहन पूछताछ की गई।
पारिवारिक पृष्टिभूमि के बारे में पुलिस ने जानकारी ली। इसके बाद उनके अभिभावकों को बुलाकर काउंसिलिंग की गई। पता चला कि बच्चों और अभिभावकों के बीच इतनी दूरियां बन गई थीं कि किसी को पता ही नहीं था कि उनका बेटा स्कूल या कोचिंग पहुंचा कि नहीं। कभी चेक भी नहीं किया।