लखनऊ : (मानवीय सोच) मुरादाबाद जिले में 43 साल पहले ईद की नमाज के बाद भड़के दंगों का असली गुनहगार मुस्लिम लीग का डॉ. शमीम खान था। उसने चुनावों में शिकस्त मिलने पर मुस्लिमों की सहानुभूति हासिल करने के लिए दंगे भड़काने की साजिश रची थी। मुरादाबाद दंगे की जांच करने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एमपी सक्सेना ने अपनी रिपोर्ट में दिए सुझाव में कहा था कि मुसलमानों को वोट का खजाना समझने वालों को हतोत्साहित करना जरूरी है।
मंगलवार 8 अगस्त को विधानसभा में यह रिपोर्ट पेश की गई। वर्ष 1980 में मुरादाबाद में हुए दंगे की रिपोर्ट इससे पहले मई माह में योगी कैबिनेट ने रिपोर्ट पेश करने को मंजूरी दी थी। जांच रिपोर्ट के मुताबिक मुस्लिम लीग के डॉ. शमीम अहमद खान ने वाल्मीकि, सिख और पंजाबी समाज को फंसाने के लिए 13 अगस्त 1980 को ईद की नमाज के समय अफवाह फैलाई, जिससे ईदगाह समेत 20 स्थानों पर दंगा भड़क गया। इसका मकसद राजनीतिक लाभ हासिल करना था।