लखनऊ नगर निगम की सीमा में आए 88 गांव से अब डेयरियां हटाने का अभियान चलेगा। इस दौरान करीब 1206 डेयरियों को हटाया जाएगा। हालांकि इसके लिए 132 एकड़ में कैटल कॉलोनी बनेगी, जहां 10500 को शिफ्ट किया जाएगा। साल 2022 में नगर निगम की सीमा में 88 गांव शामिल हुए कोर्ट का आदेश है कि शहरी क्षेत्र में कोई भी डेयरी नहीं हो सकती है, लेकिन यह गांव अभी शहरी इलाके में आए हैं, ऐसे में गांव वालों को स्टे मिला था। इसमें कहा गया था कि पहले इन डेयरियों के लिए जगह दी जाए उसके बाद उनको हटाया जाए।
अब उनको शिफ्ट करने का काम शुरू हो गया है। नगरीय क्षेत्र को साफ सुथरा बनाने और हाईकोर्ट के आदेश के तहत डेयरियों को शहर से बाहर करने की कवायद शुरू कर दी गई है। नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा ने बताया कि 10500 पशुओं वाले 1206 डेयरी संचालकों की सूची सचिव लखनऊ विकास प्राधिकरण को उपलब्ध कराई गई है। उच्च न्यायालय द्वारा लखनऊ विकास प्राधिकरण को डेयरी संचालकों के लिए कैटल कालोनी बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए लगभग 132 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए गए कि लखनऊ विकास प्राधिकरण से समन्वय करते हुए कैटल कालोनी के लिए एक योजना के स्वरूप में क्या-क्या विकल्प हो सकते हैं, इसको प्रस्ताव के रूप में बनाकर प्रस्तुत किया जाए।
एक सप्ताह में बनाया जाएगा प्रस्ताव एक सप्ताह में प्रस्ताव बनाकर जनप्रतिनिधियों के साथ दुबारा बैठक बुलाई गई है। बता दें कि डेयरियों को बाहर करने के लिए प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना ने निर्देश दिए हैं। एलडीए के अधिकारी ने बताया कैटल कालोनी के लिए करीब 132 एकड़ भूमि की जरूरत होगी। वहीं उपजिलाधिकारियों की ओर से अवगत कराया गया कि माल, मलिहाबाद व बीकेटी क्षेत्र में करीब 220 हेक्टेअर भूमि तलाशी गई है। हालांकि प्राधिकरण के अफसरों का कहना था कि यह अलग-अलग जमीन होने की वजह से कैटल कॉलोनी के लिए उपयुक्त नहीं है।