नई दिल्ली : (मानवीय सोच) आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. भाजपा समर्थित NDA हो, या कांग्रेस समर्थिक UPA दल. भाजपा के खिलाफ विपक्ष की पूरी रणनीति, ये बैठक ऐसे वक्त में रखी गई है, जब संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने जा रहा है.
माना जा रहा है कि संसद के मॉनसून सत्र में विपक्षी एकता की मिसाल देखने को मिल सकती है. विपक्षी दलों के इस महाजुटान को इसलिए भी खास माना जा रहा है क्योंकि पहली बार यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी इस तरह की कवायद में खुद को शामिल कर रही हैं और उसे लीड करने की कोशिश के तौर पर आगे बढ़ी हैं
उनके नेतृत्व करने से सहयोगी दलों के भीतर चल रहे मनमुटाव या शंकाओं का समाधान हो सकता है. दूसरी बात, शरद पवार और ममता बनर्जी समेत जो नेता राहुल गांधी के नेतृत्व को स्वीकार करने में असहजता महसूस कर रहे हैं, वो खुलकर सोनिया के साथ कदमताल कर सकते हैं विपक्षी दलों के कई नेताओं के साथ सोनिया गांधी के अच्छे रिश्ते रहे हैं