राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार को सियाचिन में शहीद हुए कैप्टन अंशुमन को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। उनकी पत्नी पत्नी स्मृति और मां मंजू ने राष्ट्रपति से यह सम्मान प्राप्त किया। इस मौके पर स्मृति ने कहा- कैप्टन अंशुमन बहुत सक्षम थे। वे अक्सर कहा करते थे, मैं अपने सीने पर गोली खाकर मरना चाहता हूं। मैं आम आदमी की तरह नहीं मरना चाहता, जिसे कोई जान ही न पाए। सियाचिन ग्लेशियर में 19 जुलाई 2023 की सुबह भारतीय सेना के कई टेंट में आग लग गई थी। इस पर काबू पाने की कोशिश में रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर कैप्टन अंशुमन सिंह शहीद हो गए थे। यूपी में देवरिया के रहने वाले अंशुमन सिंह की हादसे से 5 महीने पहले यानी 10 फरवरी 2023 को शादी हुई थी। अंशुमन इस घटना से 15 दिन पहले ही सियाचिन गए थे। शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह की पत्नी स्मृति और मां मंजू ने राष्ट्रपति से कीर्ति चक्र लिया। कैप्टन अंशुमन यूपी के देवरिया जिले के बरडीहा दलपत गांव से थे, जबकि उनकी पत्नी पठानकोट की रहने वाली हैं। दोनों की मुलाकात कॉलेज के दौरान हुई थी। अवॉर्ड सेरेमनी के बाद स्मृति ने अंशुमन और अपनी लव स्टोरी सुनाई।
‘इंजीनियरिंग कॉलेज के पहले दिन हमारी मुलाकात हुई थी। यह पहली नजर का प्यार था। एक महीना ही बीता था कि उनका चयन आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी) में हो गया। वे सुपर इंटेलिजेंट शख्स थे। हम सिर्फ एक महीना ही रूबरू मिले। फिर आठ साल तक दूरी रही, लेकिन रिश्ता बना रहा। इसके बाद सोचा कि अब शादी कर लेनी चाहिए। इसलिए फरवरी 2023 में शादी कर ली। दुर्भाग्य से शादी के दो महीने बाद ही उनकी सियाचिन में पोस्टिंग हो गई। 18 जुलाई 2023 को हमारी लंबी बातचीत हुई थी कि अगले 50 साल में हमारी जिंदगी कैसी होगी। अपना घर होगा। हमारे बच्चे होंगे, …और भी बहुत कुछ। 19 जुलाई की सुबह मैं एक फाेन कॉल से उठी। उधर से आवाज आई…कैप्टन अंशुमन सिंह शहीद हो गए। अगले 7-8 घंटे भरोसा ही नहीं हुआ कि ऐसा कुछ हुआ है। मैं यह मानने के लिए तैयार ही नहीं थी कि मेरे पति इस दुनिया में नहीं रहे। आज तक मैं इस दुख से उबरने की कोशिश कर रही हूं… यह सोचकर कि शायद यह सच नहीं है। अब जब मेरे हाथ में कीर्ति चक्र है, तो मुझे अहसास हुआ कि यह सच है। लेकिन यह ठीक है। वे एक हीरो हैं। हम अपने जीवन को थोड़ा मैनेज कर सकते हैं क्योंकि उन्होंने बहुत कुछ मैनेज किया था। उन्होंने अपना जीवन और परिवार त्याग दिया ताकि अन्य तीन परिवारों को बचाया जा सके।