लखनऊ : (मानवीय सोच) शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी भर्ती प्रक्रिया में ट्रांसपेरेंसी लाने के मकसद से उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन किया जाएगा। मंगलवार को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब इसे विधानमंडल में पारित कराया जाएगा। आयोग का मुख्यालय प्रयागराज में होगा। दावा किया जा रहा हैं कि इससे विभिन्न स्तर पर शिक्षक भर्ती का इंतजार भी जल्द खत्म होगा। सभी वर्ग के शिक्षकों की भर्ती शुरू होने के साथ ही सकुशल सम्पन्न कराई जा सकेगी।
नए उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग में एक अध्यक्ष और 12 सदस्य होंगे। अध्यक्ष और सदस्य पद संभालने के दिन से तीन साल के लिए या 65 वर्ष की आयु तक के लिए तैनात होंगे। कोई भी व्यक्ति दो बार से अधिक अध्यक्ष या सदस्य नहीं बन सकेगा। माना जा रहा है कि नए आयोग के अध्यक्ष पद पर कोई वरिष्ठ आईएएस या प्रमुख शिक्षाविद की तैनाती शासन करेगा। वहीं सदस्यों में न्यायिक सेवा व अनुभवी शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी।