अयोध्या में नाबालिग दलित लड़की से गैंगरेप के केस में एक बड़ा खुलासा हुआ है. रेप पीड़िता लड़की के भ्रूण का डीएनए इस मामले में मुख्य आरोपी बनाए गए समाजवादी पार्टी के नेता मोईद खान से मैच नहीं हुआ है. यूपी सरकार की ओर से इलाहाबाद हाई कोर्ट को सोमवार को सौंपी गई रिपोर्ट में इस बात की जानकारी सामने आई है. यह डीएनए सैंपल मोईद खान की बेकरी में काम करने वाले और इस मामले में सह आरोपी बनाए गए राजू से मैच हुआ है. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद समाजवादी पार्टी के नेताओं ने योगी सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. आरोप लगाए जा रहे हैं कि सपा नेता को इस मामले में जबरन फंसाया गया है अयोध्या में समाजवादी पार्टी नेता मोईद खान का डीएनए रेप पीड़िता से मैच नहीं हुआ, बल्कि ड्राइवर राजू खान का डीएनए मैच कर गया है.
इस बात की जानकारी योगी सरकार के अपर महाधिवक्ता विनोद शाही ने सोमवार को अदालत को दी. वैसे तो मोईद खान का डीएनए मैच नहीं करने से उसे राहत मिली है, लेकिन महाधिवक्ता का कहना है कि इससे मोईद खान पर लगा गैंगरेप का आरोप ना तो कम होता है ना ही हल्का होता है. महाधिवक्ता के मुताबिक गैंगरेप में अगर कोई पीड़िता गर्भवती होती है तो किसी एक से ही डीएनए मैच करेगा सभी से नहीं और वही हुआ है. पीड़िता ने जो आरोप लगाए थे, वे बरकरार हैं कि मोईद खान ने रेप किया. उसके बाद राजू ने किया. मोईद खान के मोबाइल से वीडियो बनाई गई. विनोद शाही के मुताबिक डीएनए मैच नहीं करने से कोई अपराध कम नहीं हो जाता और प्राइम एक्यूज्ड मोईद खान ही है.आपको बता दें
यूपी पुलिस ने 30 जुलाई को अयोध्या जिले के पुरा कलंदर क्षेत्र से बेकरी मालिक मोईद अहमद को राजू के साथ गिरफ्तार किया था. दोनों पर 12 वर्षीय लड़की के साथ रेप करने का आरोप था. आरोप के मुताबिक इस रेप के बाद लड़की प्रेगमेंट हो गई थी और बाद में उसका एबॉर्शन हो गया था.यूपी सरकार की इस रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लेने के बाद जस्टिस पंकज भाटिया की बेंच ने अगली सुनवाई तीन अक्टूबर को तय की है. मोईद की ओर से दलील दी गई है कि वह 71 वर्षीय व्यक्ति हैं और उन्हें राजनीतिक कारणों से मौजूदा मामले में फंसाया गया है. हालांकि योगी सरकार की तरफ से मोईद की जमानत याचिका का विरोध किया गया है. शासन के वकील ने कहा कि यह मामला काफी गंभीर है. पीड़िता नाबालिग है और मोईद के साथ नौकर राजू पर उससे रेप का आरोप है.