नई दिल्ली (मानवीय सोच) नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने एक परिचालन कर्जदाता की याचिका को मंजूर करने के बाद पब्लिक सेक्टर की कपड़ा कंपनी नेशनल टेक्सटाइल कॉरपोरेशन (NTC) के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया है। एनसीएलटी की दिल्ली पीठ ने एनटीसी के बोर्ड को निलंबित कर दिया। साथ ही अमित तलवार को अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) नियुक्त किया है। पीठ ने ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) के प्रावधानों के अनुसार एनटीसी के खिलाफ स्थगन की भी घोषणा की है।
बताया- ‘जबरन खड़ा किया गया विवाद’
एनसीएलटी की दो-सदस्यीय पीठ ने एनटीसी के दावों को भी खारिज करते हुए कहा कि इसके परिचालन लेनदार द्वारा दावा की गई देय राशि पर खड़ा किया गया विवाद सिर्फ एक ‘जबरन खड़ा किया गया विवाद’ है और करीब 14 लाख रुपये के भुगतान में चूक हुई है। शायद ऐसा पहली बार हुआ है कि आईबीसी कानून लागू होने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की किसी कंपनी के खिलाफ इस तरह का कोई एक्शन लिया गया है।
जानिए कंपनी के बारे में?
एनटीसी भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के तहत आती है। यह पूरे देश में स्थित अपनी 23 मिलों के माध्यम से धागे एवं कपड़े के उत्पादन में लगी हुई है। एनसीएलटी ने एनटीसी के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने का निर्देश हीरो सोलर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एचएसईपीएल) की तरफ से दायर याचिका पर दिया है। एचएसईपीएल ने अपनी याचिका में एनटीसी के लिए सोलर रूफटॉप परियोजना लगाने के दो अनुबंधों के लिए 13.84 लाख रुपये के भुगतान में चूक का दावा किया था।
छह साल पुराना है मामला
यह मामला करीब छह साल पुराने अनुबंध से जुड़ा हुआ है। एनटीसी ने मई, 2016 में तमिलनाडु में कुल 780 किलोवॉट क्षमता की रूफटॉप सौर परियोजनाएं लगाने का ठेका दिया था। इन दोनों परियोजनाओं के अनुबंध के अनुसार, पहली परियोजना के लिए 2.21 करोड़ रुपये और दूसरी परियोजना के लिए 1.86 करोड़ रुपये की राशि क्रमशः दिसंबर, 2016 और अप्रैल, 2017 को काम पूरा होने पर दी जानी थी।
लेकिन एनटीसी एचएसईपीएल को इस अनुबंध राशि का पूरा भुगतान करने में विफल रहा और समझौते की शर्तों के खिलाफ 13.84 लाख रुपये की राशि बकाया रही। इस बकाया राशि को आधार बनाते हुए एचएसईपीएल ने दिवाला कार्यवाही शुरू करने का निर्देश देने की अपनी अपनी याचिका में की थी।