लखनऊ (मानवीय सोच) एसटीएफ ने रविवार को आयोजित उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की सहायक बोरिंग टेक्नीशियन भर्ती परीक्षा में सॉल्वर गिरोह का खुलासा किया है। एसटीएफ की टीम ने विकास नगर स्थित महावीर इंटर कॉलेज से सॉल्वर को दबोच लिया। वहीं, उस परीक्षार्थी को भी गिरफ्तार कर लिया गया, जिसकी जगह यह सॉल्वर परीक्षा दे रहा था। दोनों के खिलाफ विकासनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश के मुताबिक विकास नगर स्थित महावीर इंटर कॉलेज में आयोजित बोरिंग टेक्नीशियन भर्ती परीक्षा में कुछ सॉल्वर के शामिल होने की खबर मिली थी। इस पर एसटीएफ की टीम कॉलेज पहुंची तो गेट पर जौनपुर निवासी संजय नाविक को पकड़ा। पूछताछ में पता चला कि वह अपनी जगह दूसरे को बैठाकर परीक्षा दिला रहा था। इसके बाद अंकेश को परीक्षा देते हुए गिरफ्तार किया गया। वह बिहार के गया जिले का रहने वाला है और भर्ती परीक्षाओं में बतौर सॉल्वर बैठता है। इसके पास से प्रवेश पत्र, ओएमआर सीट, प्रश्न पत्र, वीजा कार्ड और आधार कार्ड बरामद किया गया।
एसटीएफ की पूछताछ में संजय नाविक ने कुबूल किया कि जौनपुर के सोनू यादव उर्फ स्वामीकांत यादव से तीन लाख रुपये में सहायक बोरिंग टेक्नीशियन कोऑपरेटिव परीक्षा-2019 की परीक्षा में सॉल्वर बैठाने की बात तय हुई थी। इसमें 20 हजार रुपये परीक्षा के पहले सॉल्वर को देना था। शेष रकम परीक्षा के परिणाम आने के बाद सोनू यादव को देना था।
उधर, अंकेश ने बताया कि बिहार के नालंदा का रहने वाला राजन उर्फ टुनटुन सॉल्वर गिरोह का सरगना है। सोनू प्रतियोगी परीक्षाओं में सॉल्वर बैठाने के लिए राजन से संपर्क करता था। राजन फोटो एडिटिंग कराकर और फर्जी आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज बनवाकर सॉल्वर को मुहैया कराता था। इसके बाद जाली दस्तावेजों के आधार पर परीक्षार्थी का फॉर्म भरवाया जाता है। इससे परीक्षा के समय फोटो का मिलान होने पर पता न चल सके।