आगरा (मानवीय सोच) मानसून के दौरान शहर में सड़कों की खुदाई पर रोक के बाद भी 250 किमी लंबी सड़कों को खोदकर छोड़ दिया गया है। इसमें टेलीकॉम कंपनियों के साथ ग्रीन गैस ने हॉरिजोंटल डायरेक्शनल ड्रिलिंग (एचडीडी) शामिल हैं।
दयालबाग से लेकर शास्त्रीपुरम और वायु विहार से लेकर ट्रांसयमुना, राजेश्वर मंदिर तक की सड़कों पर फाइबर केबिल और गैस लाइनें बिछाने के लिए छोटे-छोटे गड्ढे छोड़ दिए हैं, जिनके लिए नगर निगम ने किसी एक कंपनी पर भी जुर्माना नहीं लगाया है। पश्चिमपुरी में नई बनी सड़कों को टेलीकॉम कंपनियों ने छलनी कर दिया है, पर निगम के इंजीनियर न काम रुकवा सके, न सामान ही जब्त कर पाए।
मानसून में जुलाई से सितंबर के बीच नगर निगम सड़कों की खुदाई की अनुमति नहीं देता। फिर भी रात के अंधेरे में पश्चिमपुरी, शास्त्रीपुरम, दयालबाग, शाहगंज समेत शहर में जगह-जगह टेलीकॉम कंपनियों की ओर से सड़कों की खुदाई जारी है। पूर्व पार्षद शिरोमणि सिंह का आरोप है कि मानसून में खुदाई के लिए नगर निगम के इंजीनियर 20 रुपये मीटर यानी 20 हजार रुपये प्रति किमी खुदाई के लिए वसूलते हैं।