लखनऊ में नगर निगम की तरफ से लाइसेंस शुल्क बढ़ा दिया गया है। अब डॉक्टरों को दुगना शुल्क देना होगा। जिसका प्रभाव शहर के 5 हजार से अधिक डॉक्टरों पर पड़ेगा। बताया जा रहा है कि यह लाइसेंस शुल्क क्लीनिक, अस्पताल और जांच केंद्रों के लिए अलग-अलग है। शुल्क बढ़ने का विरोध आइएमए की लखनऊ शाखा और BJP के चिकित्सा प्रकोष्ठ की तरफ से किया गया है। इतना ही नहीं बीजेपी चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रतिनिधिमंडल ने मेयर सुषमा खर्कवाल से मुलाकात कर पत्र सौंपा है।
दरअसल, नगर निगम की तरफ से एलोपैथिक, डेंटल, आयुर्वेद, होम्योपैथिक क्लीनिक, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी, लैब डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया था। इसी लाइसेंस शुल्क में दाे गुनी बढ़ोतरी की गई है। बढ़ाये गये शुल्क पर रोक लगाने के लिए डा.अभय मणि त्रिपाठी के नेतृत्व में चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रतिनिधिमंडल ने महापौर सुषमा खर्कवाल से मुलाकात की। जिस पर मेयर सुषमा खर्कवाल ने दो गुना लाइसेंस शुल्क के आदेश को वापस लेने की बात कही है। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व आइएमए अध्यक्ष डा.पी.के गुप्ता, क्षेत्रीय संयोजक डा.हिमांशु सेठी,महानगर संयोजक डा. शारश्वत विद्याधर और डॉ एस सागर प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।