देश का यह नेशनल पार्क होगा उनका नया आशियाना ; नामीबिया से खास जेट में भारत आएंगे चीते

भोपाल:  (मानवीय सोच)   पांच मादा और तीन नर चीतों को नामीबिया से भारत लाया जाएगा. इन्हें जंबो जेट के जरिए भारत लाने की तैयारी है. अल्ट्रालॉन्ग रेंज का ये विमान बिना रुके भारत के लिए उड़ान भर सकता है. इस विमान के मुख्य केबिन में चीतों के पिंजरों को सुरक्षित रखने के लिए कुछ बदलाव भी किये गये हैं. वहीं, चीतों को भारत लाने वाले विशेष विमान की तस्वीर सामने आई है, जिसमें चीते के स्वरूप पर आधारित खूबसूरत पेंटिंग की गई है. विमान कंपनी ने इस फ्लाइट को विशेष फ्लैग नंबर 118 दिया है.

वहीं, पशु चिकित्सक लंबी दूरी में चीतों के तनाव के स्तर को लेकर चिंतित हैं. सहायक पशु चिकित्सक रोबिन कीज़ बताते हैं कि बड़े पिंजरे की तुलना में छोटा पिंजरा रखना बहुत बेहतर है, क्योंकि यह उनको (चीतों) बाहर दौड़ने की कोशिश करने के लिए जगह नहीं देता है. 

विमान नामीबिया की राजधानी विंडहोक से उड़ान भरेगा. रात भर सफर के बाद शनिवार 17 सितंबर की सुबह जयपुर पहुंचेगा. फिर उन्हें वायु सेना के हेलीकॉप्टरों से उनके नए घर मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में लाया जाएगा. 

बता दें कि चीतों के आगमन को लेकर विशेष तैयारियां की गई हैं. पार्क में 18 किमी में पांच हेलीपैड बने हैं, जिनपर हेलीकॉप्टर उतरेंगे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव भी मौजूद रहेंगे. इन नेताओं के आगमन को लेकर 10 फीट ऊंचा मंच बनाया गया है. प्रधानमंत्री अपने जन्मदिन पर दोपहर 12.05 बजे पिंजड़े का गेट खोलकर चीतों को उनके आशियाने में छोड़ेंगे. 

पहले महीने में चीतों को 50 x 30 मीटर के घेरे में क्वारंटाइन किया जाएगा. चीते बाड़े से करीब 200 मीटर की दूरी पर उतरेंगे. जब आइसोलेशन खत्म हो जाएगा, तो उन्हें एक बड़े बाड़े में ले जाया जाएगा. कुछ.दिनों में उनके और दोस्त अफ्रीका से आएंगे. चीता मेटापॉपुलेशन इनिशिएटिव मैनेजर विन्सेंट वैन डेर मेर्वे बताते हैं कि नामीबिया भारत में प्रजनन के लिए 8 चीतों को उपलब्ध करा रहा है और दक्षिण अफ्रीका 12 चीते भेजेगा. 

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