नई दिल्ली (मानवीय सोच) दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस और अन्य प्रतिवादियों को पूर्व निगम पार्षद ताहिर हुसैन की तरफ से दायर याचिकाओं पर नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता ने फरवरी 2020 की उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा के संबंध में खजूरी खास पुलिस स्टेशन में दर्ज 3 एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। ताहिर हुसैन ने इन मामलों से संबंधित कार्यवाही पर रोक लगाने की भी मांग की है।
जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता की बेंच ने मामले में दिल्ली पुलिस और शिकायतकर्ताओं को नोटिस जारी किया। इस बीच, बेंच ने निचली अदालत के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने दिल्ली पुलिस की तरफ से नोटिस स्वीकार किया है। बेंच 25 जनवरी, 2023 को इन याचिकाओं पर आगे सुनवाई करेगी। पेश मामले में याचिकाकर्ता ताहिर हुसैन के वकील ने कहा है कि सभी एफआईआर एक ही घटना से संबंधित हैं, केवल पीड़ित/शिकायतकर्ता अलग हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आरोप पत्र दायर किए गए हैं, सभी में एक ही आरोप हैं।
वकील ने कहा कि ये एफआईआर दंगा, आगजनी, जनता को नुकसान पहुंचाने और आपराधिक साजिश से संबंधित हैं। अगर याचिकाकर्ता पर दिल्ली दंगों की एक बड़ी साजिश का आरोप लगाया गया है, तो अलग-अलग जगह के दंगों के मामलों में साजिश का आरोप कैसे लगाया जा सकता है। साजिश एक ही मामला चल सकता है।
ज्ञात रहे कि ताहिर हुसैन उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों की एक बड़ी साजिश से जुड़े मामले में भी आरोपी है। उस पर उमर खालिद, शरजील इमाम, सफूरा जरगर और अन्य आरोपियों के साथ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गैरकाननी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। वह आईबी कर्मी अंकित शर्मा की कथित हत्या से जुड़े मामले में भी आरोपी है। वह दंगों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में भी आरोपी है और इस मामले में गिरफ्तारी के बाद से ही वह हिरासत में है।