नई दिल्ली (मानवीय सोच) देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक यानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने करोड़ों ग्राहकों को तगड़ा झटका दिया है. बैंक ने अपनी एक साल की अवधि के लोन पर मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर (MCLR) बढ़ाने का फैसला किया है. अब बैंक से लोन लेना महंगा हो जाएगा. बैंक की नई दरें 15 जनवरी, 2022 से लागू होगी. बता दें कि रेपो रेट बढ़ने के बाद कई बैंकों ने एमसीएलआर बढ़ाए हैं.
एसबीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, बैंक ने अपने 1 साल के एमसीएलआर पर 10 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की है. एमसीएलआर में बढ़ोतरी केवल एक साल की अवधि में की गई है. 1 साल की एमसीएलआर बढ़कर 8.40 फीसदी हो गई. ओवरनाइट एमसीएलआर 7.85%, एक और 3 महीने की एमसीएलआर 8 फीसदी, 6 महीने की एमसीएलआर 8.30 फीसदी, 2 साल की एमसीएलआर 8.50 फीसदी और 3 साल की एमसीएलआर 8.60 फीसदी पर बरकरार है.
बढ़ जाएगी आपकी ईएमआई
एमसीएलआर में बढ़ोतरी के साथ टर्म लोन पर ईएमआई बढ़ने की उम्मीद है. ज्यादातर कंज्यूमर लोन एक साल के मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट के आधार पर होती है. ऐसे में एमसीएलआर में बढ़ोतरी से पर्सनल लोन, ऑटो और होम लोन महंगे हो सकते हैं.
क्या होता है MCLR?
गौरतलब है कि एमसीएलआर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विकसित की गई एक पद्धति है जिसके आधार पर बैंक लोन के लिए ब्याज दर निर्धारित करते हैं. उससे पहले सभी बैंक बेस रेट के आधार पर ही ग्राहकों के लिए ब्याज दर तय करते थे.
रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई कम करने के इरादे से 7 दिसंबर, 2022 को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 0.35 फीसदी की एक और बढ़ोतरी कर इसे 6.25 फीसदी कर दिया था. आरबीआई ने मई के बाद लगातार पांचवीं बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की है. इस दौरान रेपो रेट 4 फीसदी से बढ़कर 6.25 फीसदी पर पहुंच चुका है.