लखनऊ : (मानवीय सोच) इंडस्ट्री शुरू करने वालों की संख्या काफी ज्यादा है, लेकिन उसके हिसाब से जमीन नहीं मिल रही है। बिना जमीन मिले इंडस्ट्री शुरू नहीं हो सकती। अगर अर्थव्यवस्था को रफ्तार देनी है तो एमएसएमई और माइक्रो इंडस्ट्री को बिना जमीन दिए और आगे बढ़ाए काम नहीं हो सकता है। इसको लेकर जल्द ही एक डेलिगेशन सरकार के सामने अपनी बात रखेगा।
स्माल इंडस्ट्रीज मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन (SEMA) के अध्यक्ष शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि वह लोग एमएसएमई में भी माइक्रो के लिए अलग से सेल बनाने की मांग कर रहे है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई विभाग आज माइक्रो पर टिका है।
इसके अलावा सबसे ज्यादा नौकरी भी इसी सेक्टर से निकलती है। बताया कि मौजूदा दौर में एमएसएमई सेक्टर का 97 फीसदी नौकरी केवल माइक्रो सेक्टर से आता है। लखनऊ में ही करीब 500 एकड़ जमीन की जरूरत है। इससे करीब 200 लोग अपना कारोबार शुरू कर सकते हैं। समय से जमीन नहीं मिलने की वजह से कारोबारी कारोबार शुरू नहीं कर पा रह हैं।