बहराइच : (मानवीय सोच) नेपाल सीमा से सिर्फ एक बस को भारत सरकार ने मैत्री बस के रूप में संचालित करने का परमिट दे रखा है। लेकिन परिवहन विभाग व पुलिस की मिलीभगत से करीब 15 से अधिक बसें यहां मैत्री बस सेवा के नाम पर चलाई जा रहीं हैं। रोडवेज की बस बिना यात्रियों के खाली फराटा भर रही है और रोज लाखों का नुकसान हो रहा है। एआरएम ने एआरटीओ को बीते सात जुलाई को पत्र लिखकर इस पर रोक लगाने की मांग की थी। लेकिन हुआ कुछ नहीं।
नेपाल से सटा रूपईडीहा कस्बा डग्गामार वाहनों का गढ़ बनता जा रहा है। नेपाल-भारत मैत्री सेवा के नाम पर अवैध तरीके से 15 बसों का संचालन अधिकारियों के नाक के नीचे किया जा रहा है। वहीं अन्य मांर्गो पर भी गैर प्रांतों की टूरस्टि बस परमिट के नाम पर साठगांठ कर से बसों का खुलेआम संचालन रहा है। रूपईडीहा डिपो अंतरराष्ट्रीय बस अड्डा घोषित किया गया था।