बरेली : (मानवीय सोच) तीन रुपये की सिरिंज बचाने के चक्कर में झोलाछाप हेपेटाइटिस जैसी जानलेवा बीमारी बांट रहे हैं। बहेड़ी जैसे सघन इलाकों में हेपेटाइटिस-बी और सी के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक बरेली में अप्रैल से जुलाई तक 6,932 लोगों की जांच में 249 में हेपेटाइटिस-बी की पुष्टि हुई है। इस दौरान 6,938 लोगों की जांच में 411 में हेपेटाइटिस-सी पाया गया। हेपेटाइटिस के दोनों प्रकार के 800 सक्रिय मरीज जिले में हैं।
अधिकतर मरीज ग्रामीण क्षेत्र से आ रहे हैं। राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में झोलाछाप एक ही सिरिंज से कई लोगों को इंजेक्शन लगा देते हैं। हेपेटाइटिस से प्रभावित व्यक्ति को लगाने के बाद उसी सिरिंज को दूसरे व्यक्ति को इंजेक्शन लगाने से वह भी संक्रमित हो जाता है। 50 फीसदी मामलों में यही वजह सामने आ रही है। सबसे ज्यादा मरीज बहेड़ी क्षेत्र से आते हैं।